Comments - मुख-शशि उज्ज्वल औ' धनु-भौहें - Open Books Online2024-03-19T04:39:54Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A896472&xn_auth=noबहुत ही सुंदर,बहुत ही उम्दा,ब…tag:openbooksonline.com,2017-11-15:5170231:Comment:8972202017-11-15T22:52:09.123Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
बहुत ही सुंदर,बहुत ही उम्दा,बहुत ही सरस छःन्द सरसी लिखा आपने आद0 रामबली जी,बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर। सादर
बहुत ही सुंदर,बहुत ही उम्दा,बहुत ही सरस छःन्द सरसी लिखा आपने आद0 रामबली जी,बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर। सादर आ रामबली गुप्ता जी, सरसी छंद…tag:openbooksonline.com,2017-11-15:5170231:Comment:8968712017-11-15T14:45:12.437ZKalipad Prasad Mandalhttp://openbooksonline.com/profile/KalipadPrasadMandal
<p>आ रामबली गुप्ता जी, सरसी छंद में बहुत खुबसूरत रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें </p>
<p>आ रामबली गुप्ता जी, सरसी छंद में बहुत खुबसूरत रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें </p> हार्दिक आभार आदरणीय विजय निको…tag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8969502017-11-14T17:05:09.629Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी
हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी प्रोत्साहन और सराहना के लिए ह…tag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8968292017-11-14T17:04:39.278Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
प्रोत्साहन और सराहना के लिए हृदय से आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी
प्रोत्साहन और सराहना के लिए हृदय से आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी हार्दिक आभार आदरणीय आरिफ़ जीtag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8968012017-11-14T17:02:45.842Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हार्दिक आभार आदरणीय आरिफ़ जी
हार्दिक आभार आदरणीय आरिफ़ जी बहुत ही सुन्दर छंद ! हार्दिक…tag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8970432017-11-14T13:53:09.190Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>बहुत ही सुन्दर छंद ! हार्दिक बधाई, आदरणीय रामबली गुप्ता जी।</p>
<p>बहुत ही सुन्दर छंद ! हार्दिक बधाई, आदरणीय रामबली गुप्ता जी।</p> अद्भुत आदरणीय बहुत ही सरस..सभ…tag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8970252017-11-14T07:31:36.608Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
अद्भुत आदरणीय बहुत ही सरस..सभी चरण एक बढ़ के एक<br />
मुख-शशि उज्ज्वल औ' धनु-भौहें, तिरछे नैन-कटार।<br />
हाय! डसें लट-अहि केशों के, हिय पर बारम्बार...वाह क्या बात है..सुन्दरतम
अद्भुत आदरणीय बहुत ही सरस..सभी चरण एक बढ़ के एक<br />
मुख-शशि उज्ज्वल औ' धनु-भौहें, तिरछे नैन-कटार।<br />
हाय! डसें लट-अहि केशों के, हिय पर बारम्बार...वाह क्या बात है..सुन्दरतम बहुत बहुत आभार आदरणीय छोटेलाल…tag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8967592017-11-14T02:12:40.524Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
बहुत बहुत आभार आदरणीय छोटेलाल सिंह जी
बहुत बहुत आभार आदरणीय छोटेलाल सिंह जी हार्दिक आभार आदरणीय समर भाई स…tag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8967582017-11-14T02:12:04.086Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हार्दिक आभार आदरणीय समर भाई साहब
हार्दिक आभार आदरणीय समर भाई साहब सादर आभार आदरणीय सलीम भाई साहबtag:openbooksonline.com,2017-11-14:5170231:Comment:8967562017-11-14T02:11:32.981Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
सादर आभार आदरणीय सलीम भाई साहब
सादर आभार आदरणीय सलीम भाई साहब