Comments - पिया.... - Open Books Online2024-03-29T07:10:44Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A896812&xn_auth=noमोहतरमा रिंकी राउत जी आदाब,कव…tag:openbooksonline.com,2017-11-15:5170231:Comment:8969802017-11-15T12:04:24.690ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा रिंकी राउत जी आदाब,कविता बहुत अच्छी है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
कुछ टंकण त्रुटियाँ सुधार लीजिये :-<br />
'धीमे धीमे दहक रहे है-"हैं"<br />
'गर्म है'-"गर्म हैं"<br />
"बुझे आँच की तरह'-"बुझी आँच की तरह"<br />
'चुपी औढे बैठी मैं'-"चुप्पी औढे बैठी मैं"<br />
'मन की गहराईयों में जाने कहा'-"कहाँ"
मोहतरमा रिंकी राउत जी आदाब,कविता बहुत अच्छी है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
कुछ टंकण त्रुटियाँ सुधार लीजिये :-<br />
'धीमे धीमे दहक रहे है-"हैं"<br />
'गर्म है'-"गर्म हैं"<br />
"बुझे आँच की तरह'-"बुझी आँच की तरह"<br />
'चुपी औढे बैठी मैं'-"चुप्पी औढे बैठी मैं"<br />
'मन की गहराईयों में जाने कहा'-"कहाँ" रिंकी जी सुंदर रचना के लिए बध…tag:openbooksonline.com,2017-11-15:5170231:Comment:8968682017-11-15T10:42:31.799ZSALIM RAZA REWAhttp://openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
रिंकी जी सुंदर रचना के लिए बधाई.
रिंकी जी सुंदर रचना के लिए बधाई. आदरणीय रिंकी जी सुंदर अहसासों…tag:openbooksonline.com,2017-11-15:5170231:Comment:8969632017-11-15T08:09:19.020ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय रिंकी जी सुंदर अहसासों की सुंदर प्रस्तुति .. हार्दिक बधाई। </p>
<p>आदरणीय रिंकी जी सुंदर अहसासों की सुंदर प्रस्तुति .. हार्दिक बधाई। </p> प्रिय रिंकी जी आदाब, सुंदर अह…tag:openbooksonline.com,2017-11-15:5170231:Comment:8968462017-11-15T05:17:13.772ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
प्रिय रिंकी जी आदाब, सुंदर अहसासों की ख़ुशबू से सराबौर बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई और मंच पर स्वागत ।
प्रिय रिंकी जी आदाब, सुंदर अहसासों की ख़ुशबू से सराबौर बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई और मंच पर स्वागत ।