Comments - चीख रही माँ बहने तेरी -क्यों आतंक मचाता है - Open Books Online2024-03-29T08:40:07Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A898763&xn_auth=noकोटि कोटि बधाई ।tag:openbooksonline.com,2017-11-28:5170231:Comment:9001142017-11-28T17:28:10.189Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
कोटि कोटि बधाई ।
कोटि कोटि बधाई । जनाब सुरेन्द्र कुमार शुक्ला"भ…tag:openbooksonline.com,2017-11-27:5170231:Comment:8994072017-11-27T09:37:07.552ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब सुरेन्द्र कुमार शुक्ला"भ्रमर"जी आदाब,उम्दा प्रस्तुति,बधाई स्वीकार करें ।
जनाब सुरेन्द्र कुमार शुक्ला"भ्रमर"जी आदाब,उम्दा प्रस्तुति,बधाई स्वीकार करें । मनोज जी धन्यवाद आप का इस सामय…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8989292017-11-25T11:12:22.111ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p>मनोज जी धन्यवाद आप का इस सामयिक रचना पर आपका समर्थन मिला ख़ुशी हुयी आभार </p>
<p>मनोज जी धन्यवाद आप का इस सामयिक रचना पर आपका समर्थन मिला ख़ुशी हुयी आभार </p> आदरणीय शुक्ल जी, इस भावपूर्ण…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8987862017-11-25T10:58:09.744ZManoj kumar shrivastavahttp://openbooksonline.com/profile/Manojkumarshrivastava
आदरणीय शुक्ल जी, इस भावपूर्ण रचना पर मेरी बधाई स्वीकार करें।
आदरणीय शुक्ल जी, इस भावपूर्ण रचना पर मेरी बधाई स्वीकार करें। आरिफ भाई आदाब आप की त्वरित औ…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8990082017-11-25T10:32:13.931ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p>आरिफ भाई आदाब आप की त्वरित और प्यारी प्रतिक्रिया मिली रचना बेहतरीन लगी मन खुश हुआ बुराई तो सब के लिए बुरी ही है भाई चाहे वो आप हों या हम नेता या अभिनेता राजनीतिज्ञ या लेखक , आइये अपनी कोशिश जारी रहे अमन चैन के लिए बहुत बहस सुनते होंगे आप भी और हम भी मीडिया में एक विशेष वर्ग के बारे में राष्ट्र और राष्ट्रीय धारा के बारे में , लेकिन सब सच नहीं होता आइये अच्छाई के लिए प्रयास करें -भ्रमर ५ </p>
<p>आरिफ भाई आदाब आप की त्वरित और प्यारी प्रतिक्रिया मिली रचना बेहतरीन लगी मन खुश हुआ बुराई तो सब के लिए बुरी ही है भाई चाहे वो आप हों या हम नेता या अभिनेता राजनीतिज्ञ या लेखक , आइये अपनी कोशिश जारी रहे अमन चैन के लिए बहुत बहस सुनते होंगे आप भी और हम भी मीडिया में एक विशेष वर्ग के बारे में राष्ट्र और राष्ट्रीय धारा के बारे में , लेकिन सब सच नहीं होता आइये अच्छाई के लिए प्रयास करें -भ्रमर ५ </p> शहजाद उस्मानी भाई आदाब। .ये स…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8987062017-11-25T10:20:55.799ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p>शहजाद उस्मानी भाई आदाब। .ये सामयिक रचना आप के मन को छू सकी सुन मन हर्षित हुआ आइये हम सब सदा अमन चैन की कोशिश में लगे रहें जितनी संख्या अच्छे लोगों की बढ़ पाए तो शायद कुछ काम आये। पता लिखना आवश्यक नहीं ठीक कहा आप ने। सुरक्षित तरीका भी है ,लेकिन एक आदत थी कविता कब कहाँ जन्मी लिखने की। ...</p>
<p>भ्रमर ५ </p>
<p>शहजाद उस्मानी भाई आदाब। .ये सामयिक रचना आप के मन को छू सकी सुन मन हर्षित हुआ आइये हम सब सदा अमन चैन की कोशिश में लगे रहें जितनी संख्या अच्छे लोगों की बढ़ पाए तो शायद कुछ काम आये। पता लिखना आवश्यक नहीं ठीक कहा आप ने। सुरक्षित तरीका भी है ,लेकिन एक आदत थी कविता कब कहाँ जन्मी लिखने की। ...</p>
<p>भ्रमर ५ </p> आदरणीय सुरेंद्र कुमार शुक्ल ज…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8987032017-11-25T09:15:25.201ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीय सुरेंद्र कुमार शुक्ल जी आदाब,<br />
बहुत ही बेहतरीन और सामयिक रचनाएँ हैं । हर बुराई का अंत होना मानव के हित में है भाई मगर जो आतंक की आड़ में राजनेता रात-दिन ऊल-जलूल ब्यानबाज़ी करके एक वर्ग विशेष को राष्ट्रीय धारा से वंचित करने का काम कर रहे हैं उन दुष्टों पर भी लगाम लगाना ज़रूरी है । इस रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीय सुरेंद्र कुमार शुक्ल जी आदाब,<br />
बहुत ही बेहतरीन और सामयिक रचनाएँ हैं । हर बुराई का अंत होना मानव के हित में है भाई मगर जो आतंक की आड़ में राजनेता रात-दिन ऊल-जलूल ब्यानबाज़ी करके एक वर्ग विशेष को राष्ट्रीय धारा से वंचित करने का काम कर रहे हैं उन दुष्टों पर भी लगाम लगाना ज़रूरी है । इस रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । देश के रक्षक और भक्षकों/आतंकि…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8986992017-11-25T07:03:26.378ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
देश के रक्षक और भक्षकों/आतंकियों पर बेहतरीन विचारोत्तेजक भावपूर्ण रचना के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर' जी। (अंत में पता वगैरह लिखना आवश्यक नहीं है।)
देश के रक्षक और भक्षकों/आतंकियों पर बेहतरीन विचारोत्तेजक भावपूर्ण रचना के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर' जी। (अंत में पता वगैरह लिखना आवश्यक नहीं है।)