Comments - देशभक्त तो पैदा कर - Open Books Online2024-03-29T05:13:27Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A900961&xn_auth=noआदरणीय मण्डल जी, आपका कोटिशः…tag:openbooksonline.com,2017-12-04:5170231:Comment:9011562017-12-04T06:48:12.672ZManoj kumar shrivastavahttp://openbooksonline.com/profile/Manojkumarshrivastava
आदरणीय मण्डल जी, आपका कोटिशः आभार, आपके सुझावों का मैं आगे अवश्य ही ध्यान रखूंगा।
आदरणीय मण्डल जी, आपका कोटिशः आभार, आपके सुझावों का मैं आगे अवश्य ही ध्यान रखूंगा। आ मनोज कुमार जी कविता में देश…tag:openbooksonline.com,2017-12-04:5170231:Comment:9014212017-12-04T06:39:12.200ZKalipad Prasad Mandalhttp://openbooksonline.com/profile/KalipadPrasadMandal
<p>आ मनोज कुमार जी कविता में देश भक्ति कूट कूट कर भरी है | बहुत अच्छी है | यह और अच्छी होती अगर कविता एक ही शैली में होती , जैसे मुक्तक , द्विपदी तुकान्त ,अतुकांत या फिर कोई और | सुन्दर भाव के लिए बधाई आपको <br/> </p>
<p>आ मनोज कुमार जी कविता में देश भक्ति कूट कूट कर भरी है | बहुत अच्छी है | यह और अच्छी होती अगर कविता एक ही शैली में होती , जैसे मुक्तक , द्विपदी तुकान्त ,अतुकांत या फिर कोई और | सुन्दर भाव के लिए बधाई आपको <br/> </p> आदरणीय दादाजी समर कबीर जी, सा…tag:openbooksonline.com,2017-12-03:5170231:Comment:9010982017-12-03T07:41:46.681ZManoj kumar shrivastavahttp://openbooksonline.com/profile/Manojkumarshrivastava
<p>आदरणीय दादाजी समर कबीर जी, सादर प्रणाम स्वीकार करें। मैं निरंतर आपके मार्गदर्शन में चलने का प्रयास करता हूं। इसी तरह आशीर्वाद तथा स्नेह बनाए रखिएगा। अन्य रचनाकारों की रचनाओं को भी देखकर सीखने का प्रयास करता हूं। मार्गदर्शन हेतु सादर आभार।</p>
<p>आदरणीय दादाजी समर कबीर जी, सादर प्रणाम स्वीकार करें। मैं निरंतर आपके मार्गदर्शन में चलने का प्रयास करता हूं। इसी तरह आशीर्वाद तथा स्नेह बनाए रखिएगा। अन्य रचनाकारों की रचनाओं को भी देखकर सीखने का प्रयास करता हूं। मार्गदर्शन हेतु सादर आभार।</p> आदरणीय उस्मानी जी सादर नमस्का…tag:openbooksonline.com,2017-12-03:5170231:Comment:9011382017-12-03T07:36:51.582ZManoj kumar shrivastavahttp://openbooksonline.com/profile/Manojkumarshrivastava
<p>आदरणीय उस्मानी जी सादर नमस्कार। आपके मार्गदर्शन से ही मुझे आगे बढ़ने क प्रेरणा मिलेगी, मै अवश्य ही सुधार करने का प्रयास करूंगा।</p>
<p>आदरणीय उस्मानी जी सादर नमस्कार। आपके मार्गदर्शन से ही मुझे आगे बढ़ने क प्रेरणा मिलेगी, मै अवश्य ही सुधार करने का प्रयास करूंगा।</p> जनाब मनोज कुमार जी आदाब,कविता…tag:openbooksonline.com,2017-12-02:5170231:Comment:9009052017-12-02T16:12:39.429ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब मनोज कुमार जी आदाब,कविता का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
पटल पर अपनी रचनाएँ पोस्ट करने से ही काम नहीं चलेगा,मंच पर पोस्ट की गई रचनाओं पर भी आपकी प्रतिक्रया आनी चाहिए,मंच के कई लेखक अतुकान्त कविताएं लिखते हैं,उनकी कविताओं को अवश्य पढ़ें इससे आपको कविता की शैली क्या होती है,ये सीखने को मिलेगा,और भी कई लाभ होंगे,उम्मीद है मेरी बातों का सही अर्थ लेंगे ।
जनाब मनोज कुमार जी आदाब,कविता का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
पटल पर अपनी रचनाएँ पोस्ट करने से ही काम नहीं चलेगा,मंच पर पोस्ट की गई रचनाओं पर भी आपकी प्रतिक्रया आनी चाहिए,मंच के कई लेखक अतुकान्त कविताएं लिखते हैं,उनकी कविताओं को अवश्य पढ़ें इससे आपको कविता की शैली क्या होती है,ये सीखने को मिलेगा,और भी कई लाभ होंगे,उम्मीद है मेरी बातों का सही अर्थ लेंगे । बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति। हार्द…tag:openbooksonline.com,2017-12-02:5170231:Comment:9009032017-12-02T16:00:55.470ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीय मनोज कुमार श्रीवास्तव जी। जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब की टिप्पणी के अनुसार संबंधित विधा के विधि-विधान हमें इसी मंच पर उपलब्ध फाइल्स/समूह से पढ़ कर अभ्यास करते रहना चाहिए गुरूजन, सुधीजन के मार्गदर्शन में। हम सभी भी ऐसा करते हैं।
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीय मनोज कुमार श्रीवास्तव जी। जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब की टिप्पणी के अनुसार संबंधित विधा के विधि-विधान हमें इसी मंच पर उपलब्ध फाइल्स/समूह से पढ़ कर अभ्यास करते रहना चाहिए गुरूजन, सुधीजन के मार्गदर्शन में। हम सभी भी ऐसा करते हैं। सादर आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ…tag:openbooksonline.com,2017-12-02:5170231:Comment:9010642017-12-02T13:39:21.977ZManoj kumar shrivastavahttp://openbooksonline.com/profile/Manojkumarshrivastava
सादर आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी, मैंने छंद में कभी भी रचना नहीं की, हमेशा स्वतंत्र रचना की है इसलिए गड़बड़ी हुई होगी, सुधार का प्रयास करूंगा। सादर आभार।
सादर आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी, मैंने छंद में कभी भी रचना नहीं की, हमेशा स्वतंत्र रचना की है इसलिए गड़बड़ी हुई होगी, सुधार का प्रयास करूंगा। सादर आभार। आदरणीय मनोज जी आदाब,
देशहित क…tag:openbooksonline.com,2017-12-02:5170231:Comment:9010522017-12-02T07:18:30.273ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीय मनोज जी आदाब,<br />
देशहित का आग्रह करती बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।<br />
शुरू की चार पंक्तियाँ एक अच्छे मुक्तक का प्रतिनिधित्व कर रही है मगर बाद की पंक्तियों में आपने सारी गड़बड़ करती । थोड़ा समय देकर बेहतरीन मुक्तक बन सकते हैं और रचना प्रभावी भी बन जाएगी ।
आदरणीय मनोज जी आदाब,<br />
देशहित का आग्रह करती बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।<br />
शुरू की चार पंक्तियाँ एक अच्छे मुक्तक का प्रतिनिधित्व कर रही है मगर बाद की पंक्तियों में आपने सारी गड़बड़ करती । थोड़ा समय देकर बेहतरीन मुक्तक बन सकते हैं और रचना प्रभावी भी बन जाएगी ।