Comments - भाग्य - Open Books Online2024-03-29T13:42:29Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A901729&xn_auth=noबढिया लघुकथा आदरणीया नीलम जी…tag:openbooksonline.com,2017-12-11:5170231:Comment:9027952017-12-11T08:20:16.138Zpratibha pandehttp://openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p><strong>बढिया लघुकथा आदरणीया नीलम जी बधाई स्वीकार करें। आदरणीय सोमेश जी की बात से सहमत हूँ अंतिम पंक्ति के बिना भी कहानी कथ्य संप्रेषण मे सफल है</strong></p>
<p><strong>बढिया लघुकथा आदरणीया नीलम जी बधाई स्वीकार करें। आदरणीय सोमेश जी की बात से सहमत हूँ अंतिम पंक्ति के बिना भी कहानी कथ्य संप्रेषण मे सफल है</strong></p> अदरणीय समर कबीर जी एवं अदरणीय…tag:openbooksonline.com,2017-12-11:5170231:Comment:9025952017-12-11T04:16:33.017ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
अदरणीय समर कबीर जी एवं अदरणीय रक्षिता जी, लघु कथा पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।
अदरणीय समर कबीर जी एवं अदरणीय रक्षिता जी, लघु कथा पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । अदरणीय सोमेश जी, बहुत बहुत धन…tag:openbooksonline.com,2017-12-11:5170231:Comment:9027922017-12-11T04:13:47.830ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
अदरणीय सोमेश जी, बहुत बहुत धन्यवाद । आइंदा भी आप के मार्गदर्शन की आवश्यकता रहेगी ।
अदरणीय सोमेश जी, बहुत बहुत धन्यवाद । आइंदा भी आप के मार्गदर्शन की आवश्यकता रहेगी । अदरणीय उस्मानी जी, मार्गदर्शन…tag:openbooksonline.com,2017-12-11:5170231:Comment:9025932017-12-11T04:11:20.290ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
अदरणीय उस्मानी जी, मार्गदर्शन के लिए बहुत आभार । आइंदा भी आप के मार्गदर्शन की आकांक्षी रहूँगी ।
अदरणीय उस्मानी जी, मार्गदर्शन के लिए बहुत आभार । आइंदा भी आप के मार्गदर्शन की आकांक्षी रहूँगी । तथाकथित आधुनिक रईस लोगों की…tag:openbooksonline.com,2017-12-10:5170231:Comment:9026792017-12-10T12:20:27.073ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p> तथाकथित आधुनिक रईस लोगों की एक मानसिकता को चित्रित करती बढ़िया भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया <a class="nolink"><span> </span></a><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya">Neelam Upadhyaya </a> जी। मैं आदरणीय सोमेश कुमार जी की टिप्पणी से सहमत हूं। इस पंक्ति की आवश्यकता नहीं लगती। </p>
<p>इसी प्रकार भाव पुनरावृत्ति वाली वाक्यांश // <span>और अपने "डौगी" का बिस्तर गाड़ी में रखवा कर// को हटाया जा सकता है। दुतकारता तो प्राय: हर कोई है। अंत में उस भिखारी या…</span></p>
<p> तथाकथित आधुनिक रईस लोगों की एक मानसिकता को चित्रित करती बढ़िया भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया <a class="nolink"><span> </span></a><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya">Neelam Upadhyaya </a> जी। मैं आदरणीय सोमेश कुमार जी की टिप्पणी से सहमत हूं। इस पंक्ति की आवश्यकता नहीं लगती। </p>
<p>इसी प्रकार भाव पुनरावृत्ति वाली वाक्यांश // <span>और अपने "डौगी" का बिस्तर गाड़ी में रखवा कर// को हटाया जा सकता है। दुतकारता तो प्राय: हर कोई है। अंत में उस भिखारी या दुकानदार का तीखा संवाद जोड़ा जा सकता है। /डौगी= डॉगी/</span></p> भला भिखारी के "डौगी" जैसे भाग…tag:openbooksonline.com,2017-12-10:5170231:Comment:9025812017-12-10T10:18:46.568Zsomesh kumarhttp://openbooksonline.com/profile/someshkuar
<p><span>भला भिखारी के "डौगी" जैसे भाग्य कहाँ </span></p>
<p>मेरे विचार में बिना निष्कर्ष के भी लघुकथा अपनी बात कहने में सफल है |</p>
<p></p>
<p>रचना के लिए बधाई </p>
<p><span>भला भिखारी के "डौगी" जैसे भाग्य कहाँ </span></p>
<p>मेरे विचार में बिना निष्कर्ष के भी लघुकथा अपनी बात कहने में सफल है |</p>
<p></p>
<p>रचना के लिए बधाई </p> आदरणीय, नीलम जी
दिल को छू लेन…tag:openbooksonline.com,2017-12-07:5170231:Comment:9017532017-12-07T19:56:22.714Zरक्षिता सिंहhttp://openbooksonline.com/profile/RakshitaSingh
<p style="text-align: left;">आदरणीय, नीलम जी</p>
<p style="text-align: left;">दिल को छू लेने वाली बहुत ही सुन्दर लघुकथा।</p>
<p style="text-align: left;">बहुत बहुत बधाई।</p>
<p style="text-align: left;">आदरणीय, नीलम जी</p>
<p style="text-align: left;">दिल को छू लेने वाली बहुत ही सुन्दर लघुकथा।</p>
<p style="text-align: left;">बहुत बहुत बधाई।</p> मोहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब…tag:openbooksonline.com,2017-12-07:5170231:Comment:9020262017-12-07T16:41:58.405ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मोहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब,सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मोहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब,सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।</p>