Comments - मुहब्बत के सफ़र - Open Books Online2024-03-28T14:22:40Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A913401&xn_auth=noशुक्रिया Mohammed Arif जीtag:openbooksonline.com,2018-02-14:5170231:Comment:9141202018-02-14T14:06:04.115ZAnita Mauryahttp://openbooksonline.com/profile/AnitaMaurya
<p>शुक्रिया Mohammed Arif जी</p>
<p>शुक्रिया Mohammed Arif जी</p> Tasdiq Ahmed Khan जी, आपका बह…tag:openbooksonline.com,2018-02-14:5170231:Comment:9141182018-02-14T14:05:35.068ZAnita Mauryahttp://openbooksonline.com/profile/AnitaMaurya
<p>Tasdiq Ahmed Khan जी, आपका बहुत बहुत आभार, यूँ ही मार्गदर्शन करते रहे, आप सबका स्नेह ही मेरा संबल है, नमन आपको...</p>
<p>Tasdiq Ahmed Khan जी, आपका बहुत बहुत आभार, यूँ ही मार्गदर्शन करते रहे, आप सबका स्नेह ही मेरा संबल है, नमन आपको...</p> मुहतर्मा अनिता साहिबा , ग़ज़ल…tag:openbooksonline.com,2018-02-12:5170231:Comment:9137512018-02-12T12:26:00.383ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुहतर्मा अनिता साहिबा , ग़ज़ल की अच्छी कोशिश की है आपने , मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ|<br/>शेर2 उला मिसरा यूँ करके देखें----सजी होटो पे है मुस्कान लेकिन <br/>शेर3 उला मिसरा यूँ करके देखें ----सताता है तुझे जो हिज्र का ग़म <br/>शेर4 उला मिसरा यूँ करके देखें-----सफ़र में तुम हो तो लगता है एसा <br/>शेर5 यूँ करके देखें ---" लबों से ही नहीं कहता है वो कुछ ---निगाहों से मगर सब कुछ अयाँ है "</p>
<p>मुहतर्मा अनिता साहिबा , ग़ज़ल की अच्छी कोशिश की है आपने , मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ|<br/>शेर2 उला मिसरा यूँ करके देखें----सजी होटो पे है मुस्कान लेकिन <br/>शेर3 उला मिसरा यूँ करके देखें ----सताता है तुझे जो हिज्र का ग़म <br/>शेर4 उला मिसरा यूँ करके देखें-----सफ़र में तुम हो तो लगता है एसा <br/>शेर5 यूँ करके देखें ---" लबों से ही नहीं कहता है वो कुछ ---निगाहों से मगर सब कुछ अयाँ है "</p> आदरणीया अनिता मौर्य जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2018-02-11:5170231:Comment:9137202018-02-11T02:16:31.800ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीया अनिता मौर्य जी आदाब,</p>
<p> बहुत ही रोमाण्टिक ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।</p>
<p>आदरणीया अनिता मौर्य जी आदाब,</p>
<p> बहुत ही रोमाण्टिक ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।</p>