Comments - मर्द का दर्द (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-28T16:02:24Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A919000&xn_auth=noमेरी इस महत्वपूर्ण प्रयास वाल…tag:openbooksonline.com,2018-03-16:5170231:Comment:9196372018-03-16T12:28:41.736ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस महत्वपूर्ण प्रयास वाली प्रयोगात्मक रचना पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के साथ अपनी राय देने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब, जनाब समर कबीर साहिब और आदरणीया अनामिका सिंह'अना' जी।</p>
<p>मेरी इस महत्वपूर्ण प्रयास वाली प्रयोगात्मक रचना पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के साथ अपनी राय देने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब, जनाब समर कबीर साहिब और आदरणीया अनामिका सिंह'अना' जी।</p> aisa lga AMITABAH G KA INTERV…tag:openbooksonline.com,2018-03-15:5170231:Comment:9193512018-03-15T03:59:49.899Zsomesh kumarhttp://openbooksonline.com/profile/someshkuar
<p>aisa lga AMITABAH G KA INTERVIEW LENE PHUCH GYE HAIN AAP. UNKI FILM K SHIRSHK EVM UNKI SNGHRSHSHILTA KO EXAMPLE BNA KR ACHCHI LGHUKTHA LIKHI. MUBARKA</p>
<p>aisa lga AMITABAH G KA INTERVIEW LENE PHUCH GYE HAIN AAP. UNKI FILM K SHIRSHK EVM UNKI SNGHRSHSHILTA KO EXAMPLE BNA KR ACHCHI LGHUKTHA LIKHI. MUBARKA</p> आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी.…tag:openbooksonline.com,2018-03-14:5170231:Comment:9194442018-03-14T16:08:17.559ZAnamika singh Anahttp://openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी..लघुकथा का कथानक आज के परिदृश्य पर सटीक है..सच्चाई को उजागर करती हुई बेहतरीन लघुकथा हुई है , सादर l</p>
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी..लघुकथा का कथानक आज के परिदृश्य पर सटीक है..सच्चाई को उजागर करती हुई बेहतरीन लघुकथा हुई है , सादर l</p> बहुत ही सुंदर लघु कथा आदणीय ।…tag:openbooksonline.com,2018-03-14:5170231:Comment:9192552018-03-14T15:36:38.972ZHarash Mahajanhttp://openbooksonline.com/profile/HarashMahajan
<p>बहुत ही सुंदर लघु कथा आदणीय । सच की छूती हुई । बधाई ।</p>
<p>बहुत ही सुंदर लघु कथा आदणीय । सच की छूती हुई । बधाई ।</p> आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी,…tag:openbooksonline.com,2018-03-14:5170231:Comment:9194252018-03-14T09:38:53.851ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, बहुत ही अच्छी लघुकथा । प्रस्तुति के लिए बधाई ।</p>
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, बहुत ही अच्छी लघुकथा । प्रस्तुति के लिए बधाई ।</p> जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2018-03-14:5170231:Comment:9194212018-03-14T09:16:21.355ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी आदाब…tag:openbooksonline.com,2018-03-14:5170231:Comment:9191732018-03-14T03:32:54.368ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी आदाब,</p>
<p> ग़रीबी , बेरोज़गारी , मुसीबतें और बीमारी जितनी नहीं ठगती उससे ज़ियादा ठगते हैं इस देश के ठग , सच कहा आपने । लघुकथा का मूल कथानक भी यही.है और आज पूरे मुल्क की पटकथा का मूल कथानक भी यही है । ठगों के रोज़ नये-नये संस्करण सामने आ रहे हैं । फिल्मी संवाद और गीत की पंक्तियों को लघुकथा में डालकर अच्छा प्रयोग किया । इससे लघुकथा में सशक्तता आ गई है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी आदाब,</p>
<p> ग़रीबी , बेरोज़गारी , मुसीबतें और बीमारी जितनी नहीं ठगती उससे ज़ियादा ठगते हैं इस देश के ठग , सच कहा आपने । लघुकथा का मूल कथानक भी यही.है और आज पूरे मुल्क की पटकथा का मूल कथानक भी यही है । ठगों के रोज़ नये-नये संस्करण सामने आ रहे हैं । फिल्मी संवाद और गीत की पंक्तियों को लघुकथा में डालकर अच्छा प्रयोग किया । इससे लघुकथा में सशक्तता आ गई है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>