Comments - ग़ज़ल नूर की - जिसका मैं मुन्तज़िर रहा पल में वो पल गुज़र गया, - Open Books Online2024-03-28T17:58:41Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A922061&xn_auth=noशुक्रिया आ. तेजवीर सिंह जी tag:openbooksonline.com,2018-04-25:5170231:Comment:9261952018-04-25T02:09:11.067ZNilesh Shevgaonkarhttp://openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>शुक्रिया आ. तेजवीर सिंह जी </p>
<p>शुक्रिया आ. तेजवीर सिंह जी </p> हार्दिक बधाई आदरणीय नीलेश जी।…tag:openbooksonline.com,2018-04-02:5170231:Comment:9232232018-04-02T06:20:36.721ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय नीलेश जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>कोई छुअन थी मलमली कोई महक थी संदली</span><br/><span>ख़ुद में जो उस को पा लिया मुझ में जो मैं था मर गया.</span><br/><span>.</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय नीलेश जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>कोई छुअन थी मलमली कोई महक थी संदली</span><br/><span>ख़ुद में जो उस को पा लिया मुझ में जो मैं था मर गया.</span><br/><span>.</span></p> धन्यवाद आ. अजय जी tag:openbooksonline.com,2018-04-01:5170231:Comment:9229832018-04-01T14:42:57.888ZNilesh Shevgaonkarhttp://openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>धन्यवाद आ. अजय जी </p>
<p>धन्यवाद आ. अजय जी </p> धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी tag:openbooksonline.com,2018-04-01:5170231:Comment:9230252018-04-01T14:42:48.083ZNilesh Shevgaonkarhttp://openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी </p>
<p>धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी </p> आदरणीय निलेश जी, उम्दा ग़ज़ल हु…tag:openbooksonline.com,2018-04-01:5170231:Comment:9229732018-04-01T11:46:04.365ZAjay Tiwarihttp://openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय निलेश जी, उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.</p>
<p>आदरणीय निलेश जी, उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.</p> आ. भाई नीलेश जी, उम्दा गजल हु…tag:openbooksonline.com,2018-04-01:5170231:Comment:9226992018-04-01T11:08:00.765Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नीलेश जी, उम्दा गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई नीलेश जी, उम्दा गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> धन्यवाद आ समर सर, मैं तरमीम क…tag:openbooksonline.com,2018-04-01:5170231:Comment:9226872018-04-01T03:18:12.878ZNilesh Shevgaonkarhttp://openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>धन्यवाद आ समर सर, मैं तरमीम कर लेता हूँ।</p>
<p>धन्यवाद आ समर सर, मैं तरमीम कर लेता हूँ।</p> धन्यवाद आ मोहम्मद आरिफ साहब।
tag:openbooksonline.com,2018-04-01:5170231:Comment:9228972018-04-01T03:17:44.800ZNilesh Shevgaonkarhttp://openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>धन्यवाद आ मोहम्मद आरिफ साहब।</p>
<p></p>
<p>धन्यवाद आ मोहम्मद आरिफ साहब।</p>
<p></p> जनाब निलेश 'नूर'साहिब आदाब,उम…tag:openbooksonline.com,2018-03-31:5170231:Comment:9226362018-03-31T12:33:05.735ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब निलेश 'नूर'साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p>तीसरे शैर के ऊला में 'मलमली' की जगह "मख़मली" कर लें तो मज़ा आ जाये ।</p>
<p>जनाब निलेश 'नूर'साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p>तीसरे शैर के ऊला में 'मलमली' की जगह "मख़मली" कर लें तो मज़ा आ जाये ।</p> जिसका मैं मुन्तज़िर रहा पल में…tag:openbooksonline.com,2018-03-31:5170231:Comment:9227292018-03-31T12:20:07.467ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p><br/><span>जिसका मैं मुन्तज़िर रहा पल में वो पल गुज़र गया, </span><br/><span>और वो लम्हा बीत कर अपनी ही मौत मर गया. वाह! वाह!! क्या ख़ूब मतला कहा है हुज़ूर ने । मज़ा आ गया ।</span></p>
<p><span> इस बेहतरीन और बेजोड़ ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए आदरणीय नीलेश जी ।</span></p>
<p><br/><span>जिसका मैं मुन्तज़िर रहा पल में वो पल गुज़र गया, </span><br/><span>और वो लम्हा बीत कर अपनी ही मौत मर गया. वाह! वाह!! क्या ख़ूब मतला कहा है हुज़ूर ने । मज़ा आ गया ।</span></p>
<p><span> इस बेहतरीन और बेजोड़ ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए आदरणीय नीलेश जी ।</span></p>