Comments - 'ओबीओ की आठवीं सालगिरह का तुहफ़ा' - Open Books Online2024-03-28T12:39:01Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A923144&xn_auth=noबहना राजेश कुमारी जी आदाब,आपक…tag:openbooksonline.com,2018-05-09:5170231:Comment:9297602018-05-09T04:40:07.037ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>बहना राजेश कुमारी जी आदाब,आपकी कमी महसूस हो रही थी लेकिन आप गाँव में परिवार के साथ वहाँ की ज़िंदगी का लुत्फ़ उठा रही थीं ।</p>
<p>ग़ज़ल आपको पसंद आई लिखना सार्थक हुआ,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>बहना राजेश कुमारी जी आदाब,आपकी कमी महसूस हो रही थी लेकिन आप गाँव में परिवार के साथ वहाँ की ज़िंदगी का लुत्फ़ उठा रही थीं ।</p>
<p>ग़ज़ल आपको पसंद आई लिखना सार्थक हुआ,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> मेरे दिल में कई साल से दोस्तो…tag:openbooksonline.com,2018-05-08:5170231:Comment:9295832018-05-08T15:21:50.666Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p><span>मेरे दिल में कई साल से दोस्तो</span><br/><span>जल रहा इक दिया ओबीओ के लिये</span></p>
<p>वाह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह आदरणीय समर भाई जी ओबीओ को समर्पित बेहतरीन ग़ज़ल हुई </p>
<p>दिल से ढेरों बधाई </p>
<p>अत्यधिक व्यस्तता के बाद बहुत दिनों के बाद ओबीओ पर आई हूँ अब संभवतः सक्रीय रहूंगी </p>
<p><span>मेरे दिल में कई साल से दोस्तो</span><br/><span>जल रहा इक दिया ओबीओ के लिये</span></p>
<p>वाह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह आदरणीय समर भाई जी ओबीओ को समर्पित बेहतरीन ग़ज़ल हुई </p>
<p>दिल से ढेरों बधाई </p>
<p>अत्यधिक व्यस्तता के बाद बहुत दिनों के बाद ओबीओ पर आई हूँ अब संभवतः सक्रीय रहूंगी </p> जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,सुख़न…tag:openbooksonline.com,2018-05-07:5170231:Comment:9296582018-05-07T12:40:35.559ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया । ओबीओ ज़िंदाबाद ।</p>
<p>जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया । ओबीओ ज़िंदाबाद ।</p> आदरणीय समर साहब ओ बी ओ को दिय…tag:openbooksonline.com,2018-05-07:5170231:Comment:9294632018-05-07T12:17:05.387ZRavi Shuklahttp://openbooksonline.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय समर साहब ओ बी ओ को दिया गया आपका तोहफा निहायत ही उम्दा और पुरखुलूस है । आपकी कलम और ओ बी ओ के प्रति समर्पण को नमस्कार </p>
<p>आदरणीय समर साहब ओ बी ओ को दिया गया आपका तोहफा निहायत ही उम्दा और पुरखुलूस है । आपकी कलम और ओ बी ओ के प्रति समर्पण को नमस्कार </p> जनाब अजय गुप्ता जी आदाब, सुख़न…tag:openbooksonline.com,2018-04-09:5170231:Comment:9241752018-04-09T12:12:21.406ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अजय गुप्ता जी आदाब, सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब अजय गुप्ता जी आदाब, सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> वाह सर। बहुत खूबसूरत और दिलकश…tag:openbooksonline.com,2018-04-09:5170231:Comment:9241712018-04-09T11:28:54.599Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>वाह सर। बहुत खूबसूरत और दिलकश ग़ज़ल।</p>
<p>वाह सर। बहुत खूबसूरत और दिलकश ग़ज़ल।</p> जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आद…tag:openbooksonline.com,2018-04-09:5170231:Comment:9239972018-04-09T05:39:19.176ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब, ग़ज़ल में शिर्कत के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया । ओबीओ ज़िंदाबाद ।</p>
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब, ग़ज़ल में शिर्कत के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया । ओबीओ ज़िंदाबाद ।</p> आद0 आली जनाब समर साहब सादर प्…tag:openbooksonline.com,2018-04-08:5170231:Comment:9240712018-04-08T23:20:16.490Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 आली जनाब समर साहब सादर प्रणाम। ओ बी ओ को समर्पित इस ग़ज़ल से पूरा मंच अपने आप को जोड़ रहा है। ओ बी ओ परिवार गौरवान्वित हुआ है इन पंक्तियों से। ओ बी ओ के लिए आपकी लगन और समर्पण अनुकरणीय और अत्यंत सराहनीय है। मेरी आपको कोटिश शुभकामनाएं और बधाइयाँ निवेदित है। ओ बी ओ जिंदाबाद</p>
<p>आद0 आली जनाब समर साहब सादर प्रणाम। ओ बी ओ को समर्पित इस ग़ज़ल से पूरा मंच अपने आप को जोड़ रहा है। ओ बी ओ परिवार गौरवान्वित हुआ है इन पंक्तियों से। ओ बी ओ के लिए आपकी लगन और समर्पण अनुकरणीय और अत्यंत सराहनीय है। मेरी आपको कोटिश शुभकामनाएं और बधाइयाँ निवेदित है। ओ बी ओ जिंदाबाद</p> जनाब सुरेन्द्र इंसान जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2018-04-05:5170231:Comment:9235642018-04-05T05:31:00.045ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुरेन्द्र इंसान जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब सुरेन्द्र इंसान जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> वाह वाह वाह वाह वाह लाजवाब
जि…tag:openbooksonline.com,2018-04-05:5170231:Comment:9235592018-04-05T03:13:43.282Zsurender insanhttp://openbooksonline.com/profile/surenderinsan
<p>वाह वाह वाह वाह वाह लाजवाब</p>
<p>जिंदाबाद जिंदाबाद</p>
<p>सादर नमन जी।</p>
<p>वाह वाह वाह वाह वाह लाजवाब</p>
<p>जिंदाबाद जिंदाबाद</p>
<p>सादर नमन जी।</p>