Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T05:57:19Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A923683&xn_auth=noभाई डॉ आशुतोष नारायण मिश्र जी…tag:openbooksonline.com,2018-04-09:5170231:Comment:9242942018-04-09T19:47:16.404ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>भाई डॉ आशुतोष नारायण मिश्र जी सप्रेम आभार । टाइप में त्रुटि है बन्धु ।</p>
<p>भाई डॉ आशुतोष नारायण मिश्र जी सप्रेम आभार । टाइप में त्रुटि है बन्धु ।</p> घोला है ज़ह्र अपने गुलशन में इ…tag:openbooksonline.com,2018-04-09:5170231:Comment:9242752018-04-09T10:32:46.472ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
<p><span>घोला है ज़ह्र अपने गुलशन में इस तरह ।अपने की जगह शायद आपने होगा बह्र की दृष्टि से </span></p>
<p>आदरणीय ..इस रचना पर हार्दिक शुभकामनाएं सादर </p>
<p><span>घोला है ज़ह्र अपने गुलशन में इस तरह ।अपने की जगह शायद आपने होगा बह्र की दृष्टि से </span></p>
<p>आदरणीय ..इस रचना पर हार्दिक शुभकामनाएं सादर </p> आ0 श्याम नरायण वर्मा जी हार्द…tag:openbooksonline.com,2018-04-08:5170231:Comment:9242302018-04-08T10:19:30.716ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 श्याम नरायण वर्मा जी हार्दिक आभार ।</p>
<p>आ0 श्याम नरायण वर्मा जी हार्दिक आभार ।</p> आ0 समर कबीर सर सादर नमन के सा…tag:openbooksonline.com,2018-04-08:5170231:Comment:9240482018-04-08T10:18:37.061ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 समर कबीर सर सादर नमन के साथ हार्दिक आभार </p>
<p>आ0 समर कबीर सर सादर नमन के साथ हार्दिक आभार </p> आ0 सुशील सरन जी सादर आभार ।tag:openbooksonline.com,2018-04-08:5170231:Comment:9241342018-04-08T10:17:43.221ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 सुशील सरन जी सादर आभार ।</p>
<p>आ0 सुशील सरन जी सादर आभार ।</p> वाह ! बहुत खूब | सुन्दर प्रस…tag:openbooksonline.com,2018-04-07:5170231:Comment:9236982018-04-07T09:50:31.449ZShyam Narain Vermahttp://openbooksonline.com/profile/ShyamNarainVerma
<table width="482">
<tbody><tr><td width="482">वाह ! बहुत खूब | सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई | सादर </td>
</tr>
</tbody>
</table>
<table width="482">
<tbody><tr><td width="482">वाह ! बहुत खूब | सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई | सादर </td>
</tr>
</tbody>
</table> जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2018-04-07:5170231:Comment:9238882018-04-07T09:14:16.112ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p> अन्याय के विरोध में जाने से ड…tag:openbooksonline.com,2018-04-07:5170231:Comment:9237972018-04-07T09:00:24.733ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>अन्याय के विरोध में जाने से डर लगा ।।</p>
<p>भारत का संविधान बताने से डर लगा ।।</p>
<p>यूँ ही बिखर न जाये कहीं मुल्क आपका ।</p>
<p>कोटे पे आज बात चलाने से डर लगा ।।</p>
<p>बहुत उम्दा आदरणीय नवीन मणि जी। .... आज के सन्दर्भ की जीवंत व्याख्या। हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर।</p>
<p>अन्याय के विरोध में जाने से डर लगा ।।</p>
<p>भारत का संविधान बताने से डर लगा ।।</p>
<p>यूँ ही बिखर न जाये कहीं मुल्क आपका ।</p>
<p>कोटे पे आज बात चलाने से डर लगा ।।</p>
<p>बहुत उम्दा आदरणीय नवीन मणि जी। .... आज के सन्दर्भ की जीवंत व्याख्या। हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर।</p>