Comments - एक उखड़ा-दुखता रास्ता - Open Books Online2024-03-28T15:18:38Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A926338&xn_auth=noआपका हार्दिक आभार, आदरणीय लक्…tag:openbooksonline.com,2018-05-09:5170231:Comment:9297042018-05-09T02:17:36.545Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p><span>आपका हार्दिक आभार, </span><span>आदरणीय लक्ष्मण जी</span></p>
<p><span>आपका हार्दिक आभार, </span><span>आदरणीय लक्ष्मण जी</span></p> इतना मान देने के लिए आपका हार…tag:openbooksonline.com,2018-05-09:5170231:Comment:9297032018-05-09T02:16:42.707Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>इतना मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय भाई समर जी</p>
<p>इतना मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय भाई समर जी</p> आ. भाई विजय जी, बेहतरीन रचना…tag:openbooksonline.com,2018-05-07:5170231:Comment:9295602018-05-07T17:22:24.650Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विजय जी, बेहतरीन रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई विजय जी, बेहतरीन रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,ब…tag:openbooksonline.com,2018-05-07:5170231:Comment:9296382018-05-07T09:10:46.622ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,बहुत सुंदर बहुत प्रभावी, इस कविता की तारीफ़ के लिये शब्द नहीं हैं मेरे पास, और ये आपकी कविताएं पढ़कर अक्सर होता है,वाह बहुत ख़ूब, इस बहतरीन प्रस्तुति पर ढेरों बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,बहुत सुंदर बहुत प्रभावी, इस कविता की तारीफ़ के लिये शब्द नहीं हैं मेरे पास, और ये आपकी कविताएं पढ़कर अक्सर होता है,वाह बहुत ख़ूब, इस बहतरीन प्रस्तुति पर ढेरों बधाई स्वीकार करें ।</p> इतनी सुन्दर, इतनी गहन प्रतिक्…tag:openbooksonline.com,2018-05-07:5170231:Comment:9295382018-05-07T07:54:58.431Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>इतनी सुन्दर, इतनी गहन प्रतिक्रिया से मुग्ध हूँ, हृदयतल से आभार आपका, आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी।</p>
<p>इतनी सुन्दर, इतनी गहन प्रतिक्रिया से मुग्ध हूँ, हृदयतल से आभार आपका, आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी।</p> आदरणीय विजय निकोर जी आदाब,
…tag:openbooksonline.com,2018-05-07:5170231:Comment:9294402018-05-07T03:05:01.765ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय विजय निकोर जी आदाब,</p>
<p> प्रेम रस में डूबी</p>
<p> एक प्रतीक्षा की आहट में</p>
<p> कुछ गलियाँ यूँ भी याद आती है</p>
<p> जैसे कभी भुलाई नहीं जाएगी</p>
<p> सदियाँ कब मौन रहती है</p>
<p> सदियाँ धधकती रहती है</p>
<p> प्रेमाग्नि के विशाल कुंड…</p>
<p>आदरणीय विजय निकोर जी आदाब,</p>
<p> प्रेम रस में डूबी</p>
<p> एक प्रतीक्षा की आहट में</p>
<p> कुछ गलियाँ यूँ भी याद आती है</p>
<p> जैसे कभी भुलाई नहीं जाएगी</p>
<p> सदियाँ कब मौन रहती है</p>
<p> सदियाँ धधकती रहती है</p>
<p> प्रेमाग्नि के विशाल कुंड में</p>
<p> आहुति बनकर सदा प्रेम ही</p>
<p> स्वाह हो जाता है फिर से अमर होने के लिए</p>
<p> न तुम जानते हो न मैं जानती हूँ</p>
<p> न जाने कब से हम एकदूजे को जानते हैं</p>
<p> जब तुम्हारा और मेरा परिचय चंचल नयनों ने करवाया था</p>
<p> आभारी तो सबसे पहले उन नयनों का होना चाहिए</p>
<p> लेकिन यह स्मरण दोनों ही नहीं रहा</p>
<p> देखो बेताबियाँ फिर पीछा कर रही है</p>
<p> तुमने क्या कहा था याद है मुझे</p>
<p> " मैं तुम्हें फिर मिलूँगी ।"</p> आपका हार्दिक आभार, आदरणीय बृज…tag:openbooksonline.com,2018-05-04:5170231:Comment:9282092018-05-04T08:40:47.042Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p><span>आपका हार्दिक आभार, आदरणीय बृजेश जी</span></p>
<p><span>आपका हार्दिक आभार, आदरणीय बृजेश जी</span></p> आपका हार्दिक आभार आदरणीय श्या…tag:openbooksonline.com,2018-05-04:5170231:Comment:9280492018-05-04T08:39:33.556Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p><span>आपका हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण जी</span></p>
<p><span>आपका हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण जी</span></p> आपका हार्दिक आभार, जनाब शैख़ श…tag:openbooksonline.com,2018-05-04:5170231:Comment:9280482018-05-04T08:36:30.385Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p><span>आपका हार्दिक आभार, जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब</span></p>
<p><span>आपका हार्दिक आभार, जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब</span></p> आपका हार्दिक आभार, आदरणीय नरे…tag:openbooksonline.com,2018-05-04:5170231:Comment:9279632018-05-04T08:33:48.982Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>आपका हार्दिक आभार, आदरणीय नरेन्द्रसिंह जी</p>
<p>आपका हार्दिक आभार, आदरणीय नरेन्द्रसिंह जी</p>