Comments - परिंदा रात भर बेशक वही रोता रहा होगा - Open Books Online2024-03-28T11:45:07Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A930051&xn_auth=noसहीह शब्द है "ख़्वाहमख़्वाह"tag:openbooksonline.com,2018-05-10:5170231:Comment:9301192018-05-10T07:11:56.400ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>सहीह शब्द है "ख़्वाहमख़्वाह"</p>
<p>सहीह शब्द है "ख़्वाहमख़्वाह"</p> आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ आभ…tag:openbooksonline.com,2018-05-10:5170231:Comment:9299542018-05-10T06:49:54.995ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ आभार । खामखा शब्द में आ का स्वर तो है । थोड़ा सा क्लीयर करने की कृपा करें ।</p>
<p>आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ आभार । खामखा शब्द में आ का स्वर तो है । थोड़ा सा क्लीयर करने की कृपा करें ।</p> जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2018-05-10:5170231:Comment:9298922018-05-10T06:34:47.538ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>6ठे शैर में क़ाफ़िया ग़लत है,सुधार करें ।</p>
<p>9वें के ऊला में 'आवारगी के' की जगह "आवारगी की" कर लें ।</p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>6ठे शैर में क़ाफ़िया ग़लत है,सुधार करें ।</p>
<p>9वें के ऊला में 'आवारगी के' की जगह "आवारगी की" कर लें ।</p> कुछ एक शेर बहुत ही प्यारे हुए…tag:openbooksonline.com,2018-05-10:5170231:Comment:9300572018-05-10T05:30:05.012Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p>कुछ एक शेर बहुत ही प्यारे हुए है क्या कहने।।बहुत बहुत बधाई</p>
<p>कुछ एक शेर बहुत ही प्यारे हुए है क्या कहने।।बहुत बहुत बधाई</p>