Comments - पर्दा (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T14:05:03Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A930458&xn_auth=noबहुत उम्दा रचना आदरणीय मोहन ब…tag:openbooksonline.com,2018-05-16:5170231:Comment:9306852018-05-16T17:15:01.898ZVIRENDER VEER MEHTAhttp://openbooksonline.com/profile/VIRENDERMEHTAVEERMEHTA
बहुत उम्दा रचना आदरणीय मोहन बेगोवाल जी। पर्दे के पीछे छिपे सच कितने सच हो सकते है और कितने झूठ, इस बात पर बेहतरीन कथ्य सामने रखती रचना के लिये हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
बहुत उम्दा रचना आदरणीय मोहन बेगोवाल जी। पर्दे के पीछे छिपे सच कितने सच हो सकते है और कितने झूठ, इस बात पर बेहतरीन कथ्य सामने रखती रचना के लिये हार्दिक बधाई स्वीकार करें। जनाब डॉ.मोहन बेगोवाल जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2018-05-13:5170231:Comment:9304972018-05-13T16:15:46.160ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब डॉ.मोहन बेगोवाल जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब डॉ.मोहन बेगोवाल जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई,बधाई स्वीकार करें ।</p> पर्दे के पीछे का सच , बहुत सु…tag:openbooksonline.com,2018-05-13:5170231:Comment:9304932018-05-13T15:13:08.339ZKumar Gouravhttp://openbooksonline.com/profile/KumarGourav760
पर्दे के पीछे का सच , बहुत सुंदर विचारोत्तेजक रचना । बहुत बहुत बधाई ।
पर्दे के पीछे का सच , बहुत सुंदर विचारोत्तेजक रचना । बहुत बहुत बधाई । आदरनीय शेख उसमानी साहिब जी,र…tag:openbooksonline.com,2018-05-12:5170231:Comment:9304042018-05-12T17:25:02.825ZMohan Begowalhttp://openbooksonline.com/profile/MohanBegowal
<p> आदरनीय शेख उसमानी साहिब जी,रचना पर टिपणी करने के लिए धन्यावाद </p>
<p> आदरनीय शेख उसमानी साहिब जी,रचना पर टिपणी करने के लिए धन्यावाद </p> पीड़ता और अवलोकनकर्ता की पीड़…tag:openbooksonline.com,2018-05-12:5170231:Comment:9303912018-05-12T15:13:42.615ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p><em>पीड़ता</em> और <em>अवलोकनकर्ता</em> की <em>पीड़ाओं</em> को उभारती पर्दे के पीछे के सच पर बेहतरीन विचारोत्तेजक कसी हुई लघुकथा। हार्दिक बधाई आदरणीय <strong>मोहन बेगोवाल</strong> साहिब।</p>
<p><em>पीड़ता</em> और <em>अवलोकनकर्ता</em> की <em>पीड़ाओं</em> को उभारती पर्दे के पीछे के सच पर बेहतरीन विचारोत्तेजक कसी हुई लघुकथा। हार्दिक बधाई आदरणीय <strong>मोहन बेगोवाल</strong> साहिब।</p>