Comments - कड़वे जलवे (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T07:31:08Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A930727&xn_auth=noरचना पर समय देकर अनुमोदन और ह…tag:openbooksonline.com,2018-05-16:5170231:Comment:9309112018-05-16T12:42:27.242ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब श्याम नारायण शर्मा साहिब।</p>
<p>रचना पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब श्याम नारायण शर्मा साहिब।</p> इस अच्छी लघु कथा के लिए बधाई…tag:openbooksonline.com,2018-05-16:5170231:Comment:9308632018-05-16T11:09:51.718ZShyam Narain Vermahttp://openbooksonline.com/profile/ShyamNarainVerma
<table width="576">
<tbody><tr><td width="576">इस अच्छी लघु कथा के लिए बधाई, आदरणीय</td>
</tr>
</tbody>
</table>
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<tbody><tr><td width="576">इस अच्छी लघु कथा के लिए बधाई, आदरणीय</td>
</tr>
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</table> मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर समय दे…tag:openbooksonline.com,2018-05-16:5170231:Comment:9306722018-05-16T02:44:30.655ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर समय देकर विचार साझा करने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब सुशील सरना जी, जनाब समर कबीर साहिब, जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब, जनाब विजय निकोरे साहिब और मुहतरमा बबीता गुप्ता जी।</p>
<p>मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर समय देकर विचार साझा करने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब सुशील सरना जी, जनाब समर कबीर साहिब, जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब, जनाब विजय निकोरे साहिब और मुहतरमा बबीता गुप्ता जी।</p> कटाक्ष अच्छा है लघु कथा में।…tag:openbooksonline.com,2018-05-15:5170231:Comment:9307502018-05-15T07:11:35.688Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>कटाक्ष अच्छा है लघु कथा में। हार्दिक बधाई, इस लघु कथा पर, <span>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी।</span></p>
<p>कटाक्ष अच्छा है लघु कथा में। हार्दिक बधाई, इस लघु कथा पर, <span>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी।</span></p> आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आ…tag:openbooksonline.com,2018-05-15:5170231:Comment:9306612018-05-15T05:19:17.340ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,</p>
<p> मानवीकरण रूप में बेहतरीन कटाक्षपूर्ण लघुकथा । कुछ सामयिकता का पुट लिए भी है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,</p>
<p> मानवीकरण रूप में बेहतरीन कटाक्षपूर्ण लघुकथा । कुछ सामयिकता का पुट लिए भी है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p> आदरणीय सर जी, नमस्कार, बहुत ह…tag:openbooksonline.com,2018-05-14:5170231:Comment:9306582018-05-14T16:05:02.677Zbabitaguptahttp://openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>आदरणीय सर जी, नमस्कार, बहुत ही सरल ,सुन्दर शब्दों में प्रस्तुतीकरण, प्रकाशित रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा।</p>
<p>आदरणीय सर जी, नमस्कार, बहुत ही सरल ,सुन्दर शब्दों में प्रस्तुतीकरण, प्रकाशित रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा।</p> जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2018-05-14:5170231:Comment:9307422018-05-14T14:12:03.290ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,बढ़िया लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,बढ़िया लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> वाह बहुत सुंदर ... डिजिटल दुन…tag:openbooksonline.com,2018-05-14:5170231:Comment:9307282018-05-14T10:08:26.045ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>वाह बहुत सुंदर ... डिजिटल दुनियां को मानवीय सवेदनाओं के साथ जोड़ कर सुंदर लघुकथा का प्रस्तुतीकरण हुआ है आदरणीय उस्मानी साहिब। हार्दिक बधाई।</p>
<p>वाह बहुत सुंदर ... डिजिटल दुनियां को मानवीय सवेदनाओं के साथ जोड़ कर सुंदर लघुकथा का प्रस्तुतीकरण हुआ है आदरणीय उस्मानी साहिब। हार्दिक बधाई।</p>