Comments - ग़ज़ल (दोस्तों वक़्त के रहबर का तमाशा देखो) - Open Books Online2024-03-29T15:54:31Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A930979&xn_auth=noजनाब रामअवध साहिब, ग़ज़ल मेंआ…tag:openbooksonline.com,2018-05-23:5170231:Comment:9312932018-05-23T04:29:54.966ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब रामअवध साहिब, ग़ज़ल मेंआपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब रामअवध साहिब, ग़ज़ल मेंआपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है। सभी शेर…tag:openbooksonline.com,2018-05-22:5170231:Comment:9312912018-05-22T15:46:17.431ZRam Awadh VIshwakarmahttp://openbooksonline.com/profile/RamAwadhVIshwakarma
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है। सभी शेर बोलते हुये हैं। आदर्णीय बधाई</p>
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है। सभी शेर बोलते हुये हैं। आदर्णीय बधाई</p> मुहतरमा राजेश कुमारी साहिबा ,…tag:openbooksonline.com,2018-05-22:5170231:Comment:9312042018-05-22T15:19:37.049ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुहतरमा राजेश कुमारी साहिबा , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>मुहतरमा राजेश कुमारी साहिबा , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> मोहतरम जनाब तस्दीक जी ,बहुत श…tag:openbooksonline.com,2018-05-22:5170231:Comment:9313482018-05-22T13:27:52.469Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>मोहतरम जनाब तस्दीक जी ,बहुत शानदार ग़ज़ल कही है शेर दर शेर मुबारकबाद क़ुबूल फरमावें </p>
<p>मोहतरम जनाब तस्दीक जी ,बहुत शानदार ग़ज़ल कही है शेर दर शेर मुबारकबाद क़ुबूल फरमावें </p> जनाब शहज़ाद उस्मानी साहिब आ द…tag:openbooksonline.com,2018-05-20:5170231:Comment:9310062018-05-20T06:55:22.409ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब शहज़ाद उस्मानी साहिब आ दाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब शहज़ाद उस्मानी साहिब आ दाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> दुनिया की ज़मीनी हक़ीक़त से र…tag:openbooksonline.com,2018-05-20:5170231:Comment:9312392018-05-20T01:55:25.161ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>दुनिया की ज़मीनी हक़ीक़त से रूबरू कराती बेहतरीन ग़ज़ल के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब।</p>
<p>दुनिया की ज़मीनी हक़ीक़त से रूबरू कराती बेहतरीन ग़ज़ल के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब।</p> जनाब श्याम नारायण साहिब , ग़ज…tag:openbooksonline.com,2018-05-19:5170231:Comment:9311332018-05-19T12:50:50.311ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब श्याम नारायण साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब श्याम नारायण साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> इस शानदार ग़ज़ल के लिए दिल से…tag:openbooksonline.com,2018-05-19:5170231:Comment:9310252018-05-19T05:39:45.602ZShyam Narain Vermahttp://openbooksonline.com/profile/ShyamNarainVerma
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<tbody><tr><td width="576">इस शानदार ग़ज़ल के लिए दिल से बधाईयाँ </td>
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<tbody><tr><td width="576">इस शानदार ग़ज़ल के लिए दिल से बधाईयाँ </td>
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