Comments - पश्चाताप (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T00:12:24Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A931058&xn_auth=noपति धर्म से बडा राजधर्म होता…tag:openbooksonline.com,2018-05-25:5170231:Comment:9313922018-05-25T09:25:05.564ZNita Kasarhttp://openbooksonline.com/profile/NitaKasar
<p>पति धर्म से बडा राजधर्म होता है।गांधारी को प्रतीक बना उम्दा कथा लिखी है।बधाई कल्पना जी।बच्चों के संपूर्ण विकास,संस्कारों पर माँ की है परछाईं पड़ती है ।</p>
<p>पति धर्म से बडा राजधर्म होता है।गांधारी को प्रतीक बना उम्दा कथा लिखी है।बधाई कल्पना जी।बच्चों के संपूर्ण विकास,संस्कारों पर माँ की है परछाईं पड़ती है ।</p> वाह्ह्ह्ह कथा का दूसरा पहलू…tag:openbooksonline.com,2018-05-22:5170231:Comment:9311942018-05-22T13:01:50.674Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>वाह्ह्ह्ह कथा का दूसरा पहलू ये भी हो सकता है आपने शत प्रतिशत सही कल्पना की है कल्पना जी पूर्णतः सहमत हूँ </p>
<p>बहुत बहुत बधाई आपको बच्चे बिगड़ने की बहुत कुछ जिम्मेदारी माँ पर आती है .</p>
<p>वाह्ह्ह्ह कथा का दूसरा पहलू ये भी हो सकता है आपने शत प्रतिशत सही कल्पना की है कल्पना जी पूर्णतः सहमत हूँ </p>
<p>बहुत बहुत बधाई आपको बच्चे बिगड़ने की बहुत कुछ जिम्मेदारी माँ पर आती है .</p> आदरणीया कल्पना भट्ट जी , नमस्…tag:openbooksonline.com,2018-05-22:5170231:Comment:9311012018-05-22T08:50:15.413ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी , नमस्कार। बहुत ही अच्छी प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। </p>
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी , नमस्कार। बहुत ही अच्छी प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। </p> //अतीत के अँधेरों में खोये हु…tag:openbooksonline.com,2018-05-21:5170231:Comment:9313322018-05-21T11:11:55.965ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>//<span>अतीत के अँधेरों में खोये हुए ...// ... आरंभिक फ्लैैशबैैक का बहुत बढ़िया मार्गदर्शक प्रयोग! पौराणिक पात्रों को लेकर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम को बढ़िया तरीके से लेकर बहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद और आभार आदरणीया कल्पना भट्ट जी।</span></p>
<p>//<span>अतीत के अँधेरों में खोये हुए ...// ... आरंभिक फ्लैैशबैैक का बहुत बढ़िया मार्गदर्शक प्रयोग! पौराणिक पात्रों को लेकर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम को बढ़िया तरीके से लेकर बहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद और आभार आदरणीया कल्पना भट्ट जी।</span></p> आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2018-05-21:5170231:Comment:9311742018-05-21T06:54:47.329ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब,</p>
<p> पौराणिक प्रसंग को आधार बनाकर स्त्री की मनोदशा मेंं झाँकने का अच्छा प्रयास किया आपने । यह लघुकथा कहींं न कहीं स्त्री मन के भीतर के विद्रोह को भी प्रदर्शित कर रही है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब,</p>
<p> पौराणिक प्रसंग को आधार बनाकर स्त्री की मनोदशा मेंं झाँकने का अच्छा प्रयास किया आपने । यह लघुकथा कहींं न कहीं स्त्री मन के भीतर के विद्रोह को भी प्रदर्शित कर रही है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>