Comments - दे गया दर्द कोई साथ निभाने वाला - Open Books Online2024-03-28T10:05:51Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A935109&xn_auth=noउम्दा ग़ज़ल कही है आदरणीय त्रिप…tag:openbooksonline.com,2018-06-22:5170231:Comment:9355272018-06-22T05:41:02.000Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>उम्दा ग़ज़ल कही है आदरणीय त्रिपाठी जी...</p>
<p>उम्दा ग़ज़ल कही है आदरणीय त्रिपाठी जी...</p> आ0 कबीर सर सादर आभार । गांधी…tag:openbooksonline.com,2018-06-21:5170231:Comment:9355172018-06-21T13:57:38.264ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 कबीर सर सादर आभार । गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत से प्रेरित होकर छठा शेर लिखा था । महत्व पूर्ण इस्लाह हेतु विशेष आभार । ग़ज़ल को ठीक करता हूँ।</p>
<p>आ0 कबीर सर सादर आभार । गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत से प्रेरित होकर छठा शेर लिखा था । महत्व पूर्ण इस्लाह हेतु विशेष आभार । ग़ज़ल को ठीक करता हूँ।</p> आ0 नीलम उपाध्याय जी सादर आभार…tag:openbooksonline.com,2018-06-21:5170231:Comment:9356082018-06-21T13:54:01.097ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 नीलम उपाध्याय जी सादर आभार ।</p>
<p>आ0 नीलम उपाध्याय जी सादर आभार ।</p> आदरणीय नवीन मणि जी, नमस्कार। …tag:openbooksonline.com,2018-06-20:5170231:Comment:9352592018-06-20T09:48:15.523ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय नवीन मणि जी, नमस्कार। बहुत ही उम्दा ग़ज़ल की प्रस्तुति । दिल से मुबारकबाद ।</p>
<p>आदरणीय नवीन मणि जी, नमस्कार। बहुत ही उम्दा ग़ज़ल की प्रस्तुति । दिल से मुबारकबाद ।</p> जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2018-06-20:5170231:Comment:9353222018-06-20T06:55:07.845ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>तीसरे शैर का ऊला मिसरा शिल्प की दृष्टि से कमज़ोर है, बदलने का प्रयास करें ।</p>
<p>4थे के सानी में 'भूँख' को "भूख" कर लें ।</p>
<p>'कोई तूफ़ान बहुत ज़ोर से आने वाला'</p>
<p>इस मिसरे को यूँ कर लें तो भाव स्पष्ट हो जायेगा:-</p>
<p>'कोई तूफ़ाँ है बहुत ज़ोर से आने वाला'</p>
<p>छटे शैर का भाव ठीक नहीं,ज़ुल्म करने वाला और सहने वाला दोनों ही दोषी होते हैं ।</p>
<p></p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>तीसरे शैर का ऊला मिसरा शिल्प की दृष्टि से कमज़ोर है, बदलने का प्रयास करें ।</p>
<p>4थे के सानी में 'भूँख' को "भूख" कर लें ।</p>
<p>'कोई तूफ़ान बहुत ज़ोर से आने वाला'</p>
<p>इस मिसरे को यूँ कर लें तो भाव स्पष्ट हो जायेगा:-</p>
<p>'कोई तूफ़ाँ है बहुत ज़ोर से आने वाला'</p>
<p>छटे शैर का भाव ठीक नहीं,ज़ुल्म करने वाला और सहने वाला दोनों ही दोषी होते हैं ।</p>
<p></p> उम्दा गज़ल के लिए ढेरों मुबार…tag:openbooksonline.com,2018-06-20:5170231:Comment:9351712018-06-20T05:33:12.479ZShyam Narain Vermahttp://openbooksonline.com/profile/ShyamNarainVerma
<table width="576">
<tbody><tr><td width="576">उम्दा गज़ल के लिए ढेरों मुबारकबाद ....</td>
</tr>
</tbody>
</table>
<table width="576">
<tbody><tr><td width="576">उम्दा गज़ल के लिए ढेरों मुबारकबाद ....</td>
</tr>
</tbody>
</table> वाह बहुत खूब,,,, अब मुहब्बत प…tag:openbooksonline.com,2018-06-20:5170231:Comment:9353182018-06-20T05:27:43.387Zgumnaam pithoragarhihttp://openbooksonline.com/profile/gumnaampithoragarhi
<p>वाह बहुत खूब,,,, अब मुहब्बत पे ,,,,वाह</p>
<p>वाह बहुत खूब,,,, अब मुहब्बत पे ,,,,वाह</p> आ0 तेजवीर सिंह साहब हार्दिक…tag:openbooksonline.com,2018-06-19:5170231:Comment:9350792018-06-19T16:43:38.742ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 तेजवीर सिंह साहब हार्दिक आभार ।</p>
<p>आ0 तेजवीर सिंह साहब हार्दिक आभार ।</p> आ0 बसंत कुमार शर्मा जी सप्रेम…tag:openbooksonline.com,2018-06-19:5170231:Comment:9352312018-06-19T16:42:51.902ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 बसंत कुमार शर्मा जी सप्रेम आभार ।</p>
<p>आ0 बसंत कुमार शर्मा जी सप्रेम आभार ।</p> वाह बहुत खूबसूरत गजल हुई है आ…tag:openbooksonline.com,2018-06-19:5170231:Comment:9350462018-06-19T04:20:06.631Zबसंत कुमार शर्माhttp://openbooksonline.com/profile/37vrpfxgzfdi8
<p>वाह बहुत खूबसूरत गजल हुई है आदरणीय </p>
<p>वाह बहुत खूबसूरत गजल हुई है आदरणीय </p>