Comments - कविता---बेबस क़लम और हम - Open Books Online2024-03-28T12:59:10Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A936152&xn_auth=noसमसायिक मुद्दों पर आप बहुत अच…tag:openbooksonline.com,2018-07-13:5170231:Comment:9395052018-07-13T04:27:25.640Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>समसायिक मुद्दों पर आप बहुत अच्छा लिखते हैं ... इस अच्छी रचना पर बधाई।</p>
<p>समसायिक मुद्दों पर आप बहुत अच्छा लिखते हैं ... इस अच्छी रचना पर बधाई।</p> हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुम…tag:openbooksonline.com,2018-07-01:5170231:Comment:9378792018-07-01T02:21:43.639ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी ।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी ।</p> बड़ी अच्छी धारधार प्रस्तुति आद…tag:openbooksonline.com,2018-06-30:5170231:Comment:9377152018-06-30T08:29:30.282Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>बड़ी अच्छी धारधार प्रस्तुति आदरणीय आरिफ जी...</p>
<p>बड़ी अच्छी धारधार प्रस्तुति आदरणीय आरिफ जी...</p> हार्दिक आभार आदरणीया बबीता गु…tag:openbooksonline.com,2018-06-29:5170231:Comment:9373542018-06-29T09:08:10.229ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>हार्दिक आभार आदरणीया बबीता गुप्ता जी ।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीया बबीता गुप्ता जी ।</p> वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक, आर…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9370892018-06-28T15:39:24.814Zbabitaguptahttp://openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक व्यवस्था को वयां करती रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय सर जी. </p>
<p>वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक व्यवस्था को वयां करती रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय सर जी. </p> हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सि…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9368702018-06-28T02:43:16.490ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।</p> हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र क…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9369122018-06-28T02:42:40.397ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र कुमार जी ।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र कुमार जी ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आ…tag:openbooksonline.com,2018-06-27:5170231:Comment:9364182018-06-27T01:16:51.627ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। बेहतरीन कविता।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। बेहतरीन कविता।</p> “विज्ञापन अख़बार को निगलता जा…tag:openbooksonline.com,2018-06-26:5170231:Comment:9361912018-06-26T16:48:00.255ZMahendra Kumarhttp://openbooksonline.com/profile/Mahendra
<p>“विज्ञापन अख़बार को निगलता जा रहा है” बिल्कुल सच कहा आपने आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। समसायिक परिदृश्य पर बढ़िया कविता हुई है। इस प्रस्तुति पर ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए। सादर। </p>
<p>“विज्ञापन अख़बार को निगलता जा रहा है” बिल्कुल सच कहा आपने आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। समसायिक परिदृश्य पर बढ़िया कविता हुई है। इस प्रस्तुति पर ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए। सादर। </p> आदरणीय चेतन प्रकाश जी आदाब,
…tag:openbooksonline.com,2018-06-26:5170231:Comment:9361812018-06-26T12:50:41.357ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी आदाब,</p>
<p> काश ! आपने अपनी प्रतिक्रिया हिंदी में दी होती तो अच्छा होता । कितने आश्चर्य की बात है कि आप कविता के मर्म को तो समझ रहे हैं मगर प्रतिक्रिया अंग्रेज़ी में दे रहे हैं । यह हिंदी मंच है । हार्दिक आभार ।</p>
<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी आदाब,</p>
<p> काश ! आपने अपनी प्रतिक्रिया हिंदी में दी होती तो अच्छा होता । कितने आश्चर्य की बात है कि आप कविता के मर्म को तो समझ रहे हैं मगर प्रतिक्रिया अंग्रेज़ी में दे रहे हैं । यह हिंदी मंच है । हार्दिक आभार ।</p>