Comments - उम्मीदों की मशाल [लघु कथा ] - Open Books Online2024-03-28T11:06:54Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A943024&xn_auth=no'लघु कथा' नहीं लिखिए, बल्कि स…tag:openbooksonline.com,2018-08-02:5170231:Comment:9430492018-08-02T19:58:35.113ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>'लघु कथा' नहीं लिखिए, बल्कि सही मान्य विधा-नाम <strong><strong><span style="text-decoration: underline;">'लघुकथा'</span></strong></strong> लिखियेगा। सादर</p>
<p>'लघु कथा' नहीं लिखिए, बल्कि सही मान्य विधा-नाम <strong><strong><span style="text-decoration: underline;">'लघुकथा'</span></strong></strong> लिखियेगा। सादर</p> बढ़िया शीर्षक के साथ बहुत बढ़िय…tag:openbooksonline.com,2018-08-02:5170231:Comment:9430472018-08-02T19:54:55.953ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>बढ़िया शीर्षक के साथ बहुत बढ़िया कथानक पर बढ़िया प्रयास के लिए हार्दिक बधाइयाँ आदरणीया <strong>बबीता गुप्ता</strong> जी। दो जगह कालखंड दोष समझ आ रहा है। कृपया आदरणीय <strong>तेजवीर सिंह</strong> जी की इस्लाह (सुझावों) पर ग़ौर फ़रमाकर इसमें से किसी एक विसंगति पर फ्लैशबैक तकनीक का उपयोग कर पुनः लघुकथा प्रयास कीजिएगा। सादर</p>
<p>बढ़िया शीर्षक के साथ बहुत बढ़िया कथानक पर बढ़िया प्रयास के लिए हार्दिक बधाइयाँ आदरणीया <strong>बबीता गुप्ता</strong> जी। दो जगह कालखंड दोष समझ आ रहा है। कृपया आदरणीय <strong>तेजवीर सिंह</strong> जी की इस्लाह (सुझावों) पर ग़ौर फ़रमाकर इसमें से किसी एक विसंगति पर फ्लैशबैक तकनीक का उपयोग कर पुनः लघुकथा प्रयास कीजिएगा। सादर</p> मुहरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,ज…tag:openbooksonline.com,2018-08-02:5170231:Comment:9430022018-08-02T12:59:45.120ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,जनाब तेजवीत जी की बातों का संज्ञान लें ।</p>
<p>मुहरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,जनाब तेजवीत जी की बातों का संज्ञान लें ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय बबिता गुप…tag:openbooksonline.com,2018-08-02:5170231:Comment:9432202018-08-02T10:58:27.697ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय बबिता गुप्ता जी।आपका प्रयास सराहनीय है।मेरे विचार से यह लघुकथा का विषय नहीं लगता।इस पर आप एक सुंदर सी कहानी लिख सकते हो।क्योंकि इसमें आपने कई सारी घटनायें समाहित कर दीं।पिता की मृत्यु, माँ की मृत्यु फिर पुस्तक का प्रकाशन। लघुकथा केवल एक घटना का विशिष्ट सूक्ष्म विवरण दर्शाती है।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय बबिता गुप्ता जी।आपका प्रयास सराहनीय है।मेरे विचार से यह लघुकथा का विषय नहीं लगता।इस पर आप एक सुंदर सी कहानी लिख सकते हो।क्योंकि इसमें आपने कई सारी घटनायें समाहित कर दीं।पिता की मृत्यु, माँ की मृत्यु फिर पुस्तक का प्रकाशन। लघुकथा केवल एक घटना का विशिष्ट सूक्ष्म विवरण दर्शाती है।</p>