Comments - राखी के पावन त्यौहार पर कुछ दोहे - Open Books Online2024-03-28T23:30:01Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A946182&xn_auth=noआदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी कोश…tag:openbooksonline.com,2018-08-28:5170231:Comment:9465542018-08-28T18:28:51.472ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी कोशिशों और भावमय दोहों से मन मुग्ध है. </p>
<p>सावन और रक्षाबन्धन का अन्योन्याश्रय सम्बन्ध है. आपने इनकी अन्योन्याश्रयता को सहज किन्तु आवश्यक भाव दिया है. </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p>
<p></p>
<p>आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी कोशिशों और भावमय दोहों से मन मुग्ध है. </p>
<p>सावन और रक्षाबन्धन का अन्योन्याश्रय सम्बन्ध है. आपने इनकी अन्योन्याश्रयता को सहज किन्तु आवश्यक भाव दिया है. </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p>
<p></p> आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब .…tag:openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9462852018-08-27T13:46:36.673ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... प्रस्तुति पर आपकी आत्मीय प्रशंसा एवं सुझावों का तहे दिल से शुक्रिया। बहुत सुंदर संशोधन हैं। मैं अभी एडिट करता हूँ। आपका पुनः आभार।</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... प्रस्तुति पर आपकी आत्मीय प्रशंसा एवं सुझावों का तहे दिल से शुक्रिया। बहुत सुंदर संशोधन हैं। मैं अभी एडिट करता हूँ। आपका पुनः आभार।</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'…tag:openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9462842018-08-27T13:44:37.823ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय <span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami" class="fn url">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a></span><span> </span> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p>
<p>आदरणीय <span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami" class="fn url">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a></span><span> </span> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p> आदo babitagupta जी सृजन की…tag:openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9465312018-08-27T13:44:11.826ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदo <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/babitagupta631" class="fn url">babitagupta</a><span> </span> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p>
<p>आदo <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/babitagupta631" class="fn url">babitagupta</a><span> </span> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p> आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'क…tag:openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9462832018-08-27T13:43:34.189ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय <span> <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a></span> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p>
<p>आदरणीय <span> <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a></span> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p> आदरणीय डॉ छोटेलाल सिंह जी सृ…tag:openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9464282018-08-27T13:43:07.534ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx" class="fn url">डॉ छोटेलाल सिंह</a> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p>
<p>आदरणीय <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx" class="fn url">डॉ छोटेलाल सिंह</a> जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।</p> जनब सुशील सरना जी आदाब,रक्षा…tag:openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9463712018-08-27T12:39:52.804ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनब सुशील सरना जी आदाब,रक्षा बंधन के मौक़े पर अच्छे दोहे रचे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ,साथ ही आपको रक्षा बंधन की बधाई भी ।</p>
<p>' <span>हर दम भाई बहिन से, माँगे उसका प्यार'</span></p>
<p><span>'इस पंक्ति के विषम चरण में 'बहिन से' की मात्रा 122 है, और होना चाहिए 212,इसे यूँ कर सकते हैं:-</span></p>
<p><span>'भाई बहना से सदा'</span></p>
<p></p>
<p><span>' बहिन ने भेजा प्यार'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 12 मात्रा हैं, इसे यूँ कर सकते हैं:-</span></p>
<p><span>'बहना भेजे…</span></p>
<p>जनब सुशील सरना जी आदाब,रक्षा बंधन के मौक़े पर अच्छे दोहे रचे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ,साथ ही आपको रक्षा बंधन की बधाई भी ।</p>
<p>' <span>हर दम भाई बहिन से, माँगे उसका प्यार'</span></p>
<p><span>'इस पंक्ति के विषम चरण में 'बहिन से' की मात्रा 122 है, और होना चाहिए 212,इसे यूँ कर सकते हैं:-</span></p>
<p><span>'भाई बहना से सदा'</span></p>
<p></p>
<p><span>' बहिन ने भेजा प्यार'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 12 मात्रा हैं, इसे यूँ कर सकते हैं:-</span></p>
<p><span>'बहना भेजे प्यार'</span></p>
<p></p> आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहे ह…tag:openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9462742018-08-27T07:02:43.813Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहे हुये हैं । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहे हुये हैं । हार्दिक बधाई ।</p> भाई बहिन के रूढने मनाने वाले…tag:openbooksonline.com,2018-08-26:5170231:Comment:9463332018-08-26T16:15:41.162Zbabitaguptahttp://openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>भाई बहिन के रूढने मनाने वाले पर्व की अच्छी पंक्तियाँ,बधाई स्वीकार कीजियेगा ।आदरणीय सरजी।</p>
<p>भाई बहिन के रूढने मनाने वाले पर्व की अच्छी पंक्तियाँ,बधाई स्वीकार कीजियेगा ।आदरणीय सरजी।</p> आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवाद…tag:openbooksonline.com,2018-08-26:5170231:Comment:9462532018-08-26T13:54:59.201Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। प्रासंगिक और समयानुकूल बेहतरीन दोहे, बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। प्रासंगिक और समयानुकूल बेहतरीन दोहे, बधाई स्वीकार कीजिये</p>