Comments - मिर्ज़ा ग़ालिब की ज़मीन में एक कोशिश । - Open Books Online2024-03-29T14:12:51Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A947123&xn_auth=noआली जनाब सौरभ पांडे जी आदाब …tag:openbooksonline.com,2018-09-21:5170231:Comment:9495832018-09-21T16:47:46.936Zmirza javed baighttp://openbooksonline.com/profile/mirzajavedbaig
<p>आली जनाब सौरभ पांडे जी आदाब </p>
<p>मेरी ग़ज़ल को अपनी मुस्तनद दाद ओ तेहसीन से नवाज़ने </p>
<p>के लिए दिल की अमीक़ गहराइयों से शुक्र गुज़ार हूं ।</p>
<p></p>
<p>आली जनाब सौरभ पांडे जी आदाब </p>
<p>मेरी ग़ज़ल को अपनी मुस्तनद दाद ओ तेहसीन से नवाज़ने </p>
<p>के लिए दिल की अमीक़ गहराइयों से शुक्र गुज़ार हूं ।</p>
<p></p> आदरणीय मिर्ज़ा जावेद बेग़ जी, आ…tag:openbooksonline.com,2018-09-21:5170231:Comment:9496142018-09-21T09:34:41.052ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय मिर्ज़ा जावेद बेग़ जी, आपकी इस अच्छी ग़ज़ल पर दाद दे रहा हूँ.</p>
<p>शुभकामनाएँ व बधाइयाँ </p>
<p></p>
<p></p>
<p>आदरणीय मिर्ज़ा जावेद बेग़ जी, आपकी इस अच्छी ग़ज़ल पर दाद दे रहा हूँ.</p>
<p>शुभकामनाएँ व बधाइयाँ </p>
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<p></p> जनाब नरेंन्द्र सिंह चौहान जी…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9471942018-08-31T11:35:56.066Zmirza javed baighttp://openbooksonline.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब नरेंन्द्र सिंह चौहान जी आदाब </p>
<p>ग़ज़ल को पसंद फ़रमा कर दादो तहसीन से नवाज़ने के लिए </p>
<p>दिली शुक्रिया ।।</p>
<p>जनाब नरेंन्द्र सिंह चौहान जी आदाब </p>
<p>ग़ज़ल को पसंद फ़रमा कर दादो तहसीन से नवाज़ने के लिए </p>
<p>दिली शुक्रिया ।।</p> जनाब नरेन्द्र सिंह चौहान साहि…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9470932018-08-31T09:25:14.406ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नरेन्द्र सिंह चौहान साहिब आदाब, आपसे पहले भी कई बार निवेदन कर चुका हूँ कि इस तरह की टिप्पणी ओबीओ मंच की परिपाटी नहीं है,ये सोशल मीडिया पर ही चलती होगी,ये सीखने सिखाने का पटल है, यहाँ पहले रचनाकार को पूरे सम्मान से संबोधित किया जाता है,फिर उसकी रचना की तारीफ़ या आलोचना शिष्टता के साथ की जाती है,उदाहरण स्वरूप इसी ग़ज़ल पर आई हुई टिप्पणियां देखें ,उम्मीद है मेरी बात को संज्ञान में लेंगे ।</p>
<p>जनाब नरेन्द्र सिंह चौहान साहिब आदाब, आपसे पहले भी कई बार निवेदन कर चुका हूँ कि इस तरह की टिप्पणी ओबीओ मंच की परिपाटी नहीं है,ये सोशल मीडिया पर ही चलती होगी,ये सीखने सिखाने का पटल है, यहाँ पहले रचनाकार को पूरे सम्मान से संबोधित किया जाता है,फिर उसकी रचना की तारीफ़ या आलोचना शिष्टता के साथ की जाती है,उदाहरण स्वरूप इसी ग़ज़ल पर आई हुई टिप्पणियां देखें ,उम्मीद है मेरी बात को संज्ञान में लेंगे ।</p> //
महब्बत का रहे बस हाथ सर पे…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9471752018-08-31T09:15:35.762ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>//</p>
<p>महब्बत का रहे बस हाथ सर पे</p>
<p>मुझे इस पेड़ का साया बहुत है//</p>
<p>अच्छा शैर हुआ ।</p>
<p>//</p>
<p>महब्बत का रहे बस हाथ सर पे</p>
<p>मुझे इस पेड़ का साया बहुत है//</p>
<p>अच्छा शैर हुआ ।</p> मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब की…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9470792018-08-31T06:40:18.219Zmirza javed baighttp://openbooksonline.com/profile/mirzajavedbaig
<p>मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब की ख़िदमत में</p>
<p>सलाम अर्ज़ करता हूं ।</p>
<p>आप जिस तरह से नौमश्क शौरा की हौसला अफ़ज़ाई करते हें </p>
<p>यक़ीनन बे मिसाल है ।</p>
<p>आपकी बेलौस महब्बतों का हमैशा से ही क़ाइल हूं अपना एक शैर </p>
<p>आपकी नज़्र करता हूं ।</p>
<p>महब्बत का रहे बस हाथ सर पे :-) </p>
<p>मुझे इस पेड़ का साया बहुत है ।</p>
<p>मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब की ख़िदमत में</p>
<p>सलाम अर्ज़ करता हूं ।</p>
<p>आप जिस तरह से नौमश्क शौरा की हौसला अफ़ज़ाई करते हें </p>
<p>यक़ीनन बे मिसाल है ।</p>
<p>आपकी बेलौस महब्बतों का हमैशा से ही क़ाइल हूं अपना एक शैर </p>
<p>आपकी नज़्र करता हूं ।</p>
<p>महब्बत का रहे बस हाथ सर पे :-) </p>
<p>मुझे इस पेड़ का साया बहुत है ।</p> खुब सुन्दर रचना....हार्दिक बध…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9472352018-08-31T06:31:20.674Znarendrasinh chauhanhttp://openbooksonline.com/profile/narendrasinhchauhan
खुब सुन्दर रचना....हार्दिक बधाई.
खुब सुन्दर रचना....हार्दिक बधाई. जनाब अजय तिवारी जी आदाब
तालि…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9472342018-08-31T06:31:02.562Zmirza javed baighttp://openbooksonline.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब अजय तिवारी जी आदाब </p>
<p>तालिब इल्म की हौसला अफ़ज़ाई की आपने </p>
<p>बेहद शुक्रगुज़ार हूं ।</p>
<p>जनाब अजय तिवारी जी आदाब </p>
<p>तालिब इल्म की हौसला अफ़ज़ाई की आपने </p>
<p>बेहद शुक्रगुज़ार हूं ।</p> जनाब आरिफ़ भाई साहिब सुख़न नव…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9472312018-08-31T06:28:49.158Zmirza javed baighttp://openbooksonline.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब आरिफ़ भाई साहिब सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से ममनून व मशकूर हूं ।</p>
<p>जनाब आरिफ़ भाई साहिब सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से ममनून व मशकूर हूं ।</p> आदरणीय जावेद जी आदाब,
…tag:openbooksonline.com,2018-08-31:5170231:Comment:9470012018-08-31T03:34:56.408ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय जावेद जी आदाब,</p>
<p> लाजवाब ग़ज़ल । हर शे'र पर दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए ।</p>
<p>आदरणीय जावेद जी आदाब,</p>
<p> लाजवाब ग़ज़ल । हर शे'र पर दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए ।</p>