Comments - मंजिल की पहली सीढ़ी--लघुकथा - Open Books Online2024-03-28T10:53:45Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A947724&xn_auth=noअपने अध्यापन कार्य को सही अंज…tag:openbooksonline.com,2018-09-05:5170231:Comment:9479362018-09-05T13:01:07.110Zbabitaguptahttp://openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>अपने अध्यापन कार्य को सही अंजाम मिलना,समाज को शिक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश देती बेहतरीन रचना।हार्दिक स्वीकार कीजियेगा आदरणीय विनय सरजी।</p>
<p>अपने अध्यापन कार्य को सही अंजाम मिलना,समाज को शिक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश देती बेहतरीन रचना।हार्दिक स्वीकार कीजियेगा आदरणीय विनय सरजी।</p> बहुत बहुत आभार आ मुहतरम समर क…tag:openbooksonline.com,2018-09-05:5170231:Comment:9478042018-09-05T10:07:16.525Zविनय कुमारhttp://openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत आभार आ मुहतरम समर कबीर साहब</p>
<p>बहुत बहुत आभार आ मुहतरम समर कबीर साहब</p> बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह…tag:openbooksonline.com,2018-09-05:5170231:Comment:9480072018-09-05T10:06:51.454Zविनय कुमारhttp://openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी</p>
<p>बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी</p> जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी…tag:openbooksonline.com,2018-09-02:5170231:Comment:9475822018-09-02T08:57:53.070ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमा…tag:openbooksonline.com,2018-09-02:5170231:Comment:9475802018-09-02T08:20:31.451ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी।शिक्षा के प्रति जागरूकता का आवाहन करती बेहतरीन लघुकथा।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी।शिक्षा के प्रति जागरूकता का आवाहन करती बेहतरीन लघुकथा।</p> बहुत बहुत शुक्रिया आ शेख शहजा…tag:openbooksonline.com,2018-09-02:5170231:Comment:9477462018-09-02T03:52:59.590Zविनय कुमारhttp://openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ शेख शहजाद उस्मानी साहब</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ शेख शहजाद उस्मानी साहब</p> बहुत बहुत शुक्रिया आ मिर्जा ज…tag:openbooksonline.com,2018-09-02:5170231:Comment:9477442018-09-02T03:52:12.259Zविनय कुमारhttp://openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ मिर्जा <em>जावेद बेग साहब</em></p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ मिर्जा <em>जावेद बेग साहब</em></p> सच और उम्मीदों की कशमकश पर ब…tag:openbooksonline.com,2018-09-01:5170231:Comment:9477412018-09-01T19:54:33.188ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p> सच और उम्मीदों की कशमकश पर बढ़िया रचना हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार साहिब। शायद संपादन/कसावट के लिए समय नहीं दिया जा सका है। सादर।</p>
<p> सच और उम्मीदों की कशमकश पर बढ़िया रचना हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार साहिब। शायद संपादन/कसावट के लिए समय नहीं दिया जा सका है। सादर।</p> जनाब विनयय कुमार साहिब आदाब…tag:openbooksonline.com,2018-09-01:5170231:Comment:9475612018-09-01T14:23:05.121Zmirza javed baighttp://openbooksonline.com/profile/mirzajavedbaig
<p> जनाब विनयय कुमार साहिब आदाब</p>
<p>लघू कथा पढने की शुरूआत आपकी लघूकथा से की हे ।</p>
<p>पहला अनुभव था मेरे लिए ।</p>
<p>मुझे बहुत ही मुतास्सिर किया इस लघू कथा ने ।</p>
<p>तहे दिल से मुबारकबाद पैश करता हूं ।</p>
<p>स </p>
<p> जनाब विनयय कुमार साहिब आदाब</p>
<p>लघू कथा पढने की शुरूआत आपकी लघूकथा से की हे ।</p>
<p>पहला अनुभव था मेरे लिए ।</p>
<p>मुझे बहुत ही मुतास्सिर किया इस लघू कथा ने ।</p>
<p>तहे दिल से मुबारकबाद पैश करता हूं ।</p>
<p>स </p>