Comments - 'सत्य अब तक!' (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T15:03:57Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A948492&xn_auth=noअनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए…tag:openbooksonline.com,2018-09-20:5170231:Comment:9494732018-09-20T18:34:11.346ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <em><strong>समर कबीर</strong></em> साहिब, जनाब<strong> </strong><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami" class="fn url"><strong>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर</strong>' </a>साहिब और मुहतरमा <strong>नीलम उपाध्याय</strong> साहिबा।</p>
<p>अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <em><strong>समर कबीर</strong></em> साहिब, जनाब<strong> </strong><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami" class="fn url"><strong>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर</strong>' </a>साहिब और मुहतरमा <strong>नीलम उपाध्याय</strong> साहिबा।</p> आ. भाई शैख़ शहज़ाद जी, प्रभावशा…tag:openbooksonline.com,2018-09-19:5170231:Comment:9494422018-09-19T07:25:06.015Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p><span>आ. भाई शैख़ शहज़ाद जी, </span><span>प्रभावशाली</span> <span>कथा हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</span></p>
<p><span>आ. भाई शैख़ शहज़ाद जी, </span><span>प्रभावशाली</span> <span>कथा हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</span></p> आदरणीय शेख उस्मानी जी, अच्छी…tag:openbooksonline.com,2018-09-17:5170231:Comment:9492242018-09-17T09:55:25.339ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p> आदरणीय शेख उस्मानी जी, अच्छी लघुकथा हुई है। बधाई। </p>
<p> आदरणीय शेख उस्मानी जी, अच्छी लघुकथा हुई है। बधाई। </p> जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2018-09-16:5170231:Comment:9488992018-09-16T12:44:25.941ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,प्रभावशाली लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,प्रभावशाली लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> मेरी रचना पर समय देकर अनुमोदन…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9490742018-09-15T17:51:36.154ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी रचना पर समय देकर अनुमोदन कर विचार सांझा करने और मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब <strong>डॉ. विजय शंकर</strong> साहिब और जनाब</p>
<p><strong>तेजवीर सिंह</strong> साहिब। </p>
<p>मेरी रचना पर समय देकर अनुमोदन कर विचार सांझा करने और मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब <strong>डॉ. विजय शंकर</strong> साहिब और जनाब</p>
<p><strong>तेजवीर सिंह</strong> साहिब। </p> हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मा…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9490582018-09-15T15:17:01.920ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।बेहतरीन कटाक्ष युक्त लघुकथा । यही एक मात्र सत्य है कि साम दाम दंड भेद कुर्सी पर पहुंचो।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।बेहतरीन कटाक्ष युक्त लघुकथा । यही एक मात्र सत्य है कि साम दाम दंड भेद कुर्सी पर पहुंचो।</p> आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी…tag:openbooksonline.com,2018-09-14:5170231:Comment:9488142018-09-14T21:19:13.458ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी , बात तो दमदार है , “ ऐसी' जनता जब तक, 'ऐसी' सियासत तब तक और 'ऐसा' जनतंत्र तब तक!". <br/>सच तो यही है कि एक बार सारी जनता जाग जाए और सिर्फ जनता बन कर चुनाव निपटा दे , सब कुछ बहुत अच्छे से निपट जाएगा। <br/>इस प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बधाई , सादर।</p>
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी , बात तो दमदार है , “ ऐसी' जनता जब तक, 'ऐसी' सियासत तब तक और 'ऐसा' जनतंत्र तब तक!". <br/>सच तो यही है कि एक बार सारी जनता जाग जाए और सिर्फ जनता बन कर चुनाव निपटा दे , सब कुछ बहुत अच्छे से निपट जाएगा। <br/>इस प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बधाई , सादर।</p>