Comments - क्या मन है बीमार पड़ौसी - गजल - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर" - Open Books Online2024-03-28T19:18:35Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A949151&xn_auth=noआ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभ…tag:openbooksonline.com,2018-09-24:5170231:Comment:9500392018-09-24T06:54:46.792Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन । स्नेहाशीष के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन । स्नेहाशीष के लिए आभार।</p> गज़ल अच्छी लगी। हार्दिक बधाई,…tag:openbooksonline.com,2018-09-24:5170231:Comment:9501232018-09-24T01:09:13.639Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>गज़ल अच्छी लगी। हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण जी</p>
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<p>गज़ल अच्छी लगी। हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण जी</p>
<p></p> आ. भाई मिर्जा जावेद जी, सादर…tag:openbooksonline.com,2018-09-22:5170231:Comment:9494922018-09-22T00:55:10.999Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई मिर्जा जावेद जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई मिर्जा जावेद जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।</p> जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब शान…tag:openbooksonline.com,2018-09-21:5170231:Comment:9495872018-09-21T17:37:48.580Zmirza javed baighttp://openbooksonline.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब शानदार ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद पैश करता हूं ।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब शानदार ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद पैश करता हूं ।</p> आ. भाई बृजेश जी, गजल की प्रशं…tag:openbooksonline.com,2018-09-21:5170231:Comment:9496192018-09-21T13:21:59.464Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई बृजेश जी, गजल की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई बृजेश जी, गजल की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद ।</p> वाह बड़ी ही अच्छी ग़ज़ल कही है आ…tag:openbooksonline.com,2018-09-21:5170231:Comment:9493042018-09-21T04:58:28.355Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह बड़ी ही अच्छी ग़ज़ल कही है आदरणीय...हर एक शेर लाजबाब..</p>
<p>वाह बड़ी ही अच्छी ग़ज़ल कही है आदरणीय...हर एक शेर लाजबाब..</p> आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन ।…tag:openbooksonline.com,2018-09-20:5170231:Comment:9491822018-09-20T01:16:33.518Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार । मार्गदर्शन करते रहिए ।</p>
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार । मार्गदर्शन करते रहिए ।</p> जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' ज…tag:openbooksonline.com,2018-09-19:5170231:Comment:9491792018-09-19T16:59:19.799ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p> आ. भाई पंकज जी, गजल पर उपस्थि…tag:openbooksonline.com,2018-09-19:5170231:Comment:9491772018-09-19T15:31:50.086Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई पंकज जी, गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई पंकज जी, गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी सर बहुत-ब…tag:openbooksonline.com,2018-09-19:5170231:Comment:9491752018-09-19T15:07:58.604ZPankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"http://openbooksonline.com/profile/PankajKumarMishraVatsyayan
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी सर बहुत-बहुत बधाई इस बेहद खूबसूरत गजल के लिए</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी सर बहुत-बहुत बधाई इस बेहद खूबसूरत गजल के लिए</p>