Comments - सो न सका मैं कल सारी रात - Open Books Online2024-03-28T18:51:21Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A949581&xn_auth=noमेरे कहे को मान देने के लिए ध…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9518672018-10-03T09:00:11.192ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए धन्यवाद ।</p>
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए धन्यवाद ।</p> सराहना के लिए आपका हार्दिक आभ…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9519152018-10-03T08:55:17.211Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय बृजेश जी।</p>
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय बृजेश जी।</p> सराहना के लिए आपका हार्दिक आभ…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9518662018-10-03T08:54:43.684Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय लक्ष्मण जी।</p>
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय लक्ष्मण जी।</p> सराहना के लिए आपका हार्दिक आभ…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9517662018-10-03T08:54:00.302Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय सुरेन्द्र जी।</p>
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय सुरेन्द्र जी।</p> सराहना के लिए और मार्गदर्शन क…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9517652018-10-03T08:53:01.899Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>सराहना के लिए और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय भाई समर कबीर जी। "सूने में कांप रहा" अथवा "सीने में कांप रहा".... लिखते समय सोच में तो "सूने में" था, परन्तु अब आपके संकेत पर सोचा तो "सीने में" भी ठीक लग रहा है। ओ बी ओ सीखने-सिखाने के लिए महत्वपूर्ण है, अत: जब भी हो अपनी सलाह देते रहें, मेरे भाई।</p>
<p>सराहना के लिए और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय भाई समर कबीर जी। "सूने में कांप रहा" अथवा "सीने में कांप रहा".... लिखते समय सोच में तो "सूने में" था, परन्तु अब आपके संकेत पर सोचा तो "सीने में" भी ठीक लग रहा है। ओ बी ओ सीखने-सिखाने के लिए महत्वपूर्ण है, अत: जब भी हो अपनी सलाह देते रहें, मेरे भाई।</p> सराहना के लिए आपका हार्दिक आभ…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9518652018-10-03T08:45:11.235Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय नरेन्द्र सिंह जी</p>
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय नरेन्द्र सिंह जी</p> सराहना के लिए आपका हार्दिक आभ…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9519142018-10-03T08:44:11.516Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय शेख श्हज़ाद उस्मानी जी</p>
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय शेख श्हज़ाद उस्मानी जी</p> सराहना के लिए आपका हार्दिक आभ…tag:openbooksonline.com,2018-10-03:5170231:Comment:9517632018-10-03T08:41:13.030Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय तेज वीर सिंह जी</p>
<p>सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय तेज वीर सिंह जी</p> वाह आदरणीय एक और भावों से परि…tag:openbooksonline.com,2018-09-29:5170231:Comment:9513072018-09-29T13:29:41.778Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह आदरणीय एक और भावों से परिपूर्ण कविता...ये विद्या मुझे हमेशा से आकर्षित करती है..मैं लिखना चाहता हूँ लेकिन अफ़सोस!!</p>
<p>वाह आदरणीय एक और भावों से परिपूर्ण कविता...ये विद्या मुझे हमेशा से आकर्षित करती है..मैं लिखना चाहता हूँ लेकिन अफ़सोस!!</p> आ. भाई विजय जी, सुंदर रचना हु…tag:openbooksonline.com,2018-09-29:5170231:Comment:9508902018-09-29T07:55:20.134Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विजय जी, सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई विजय जी, सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>