Comments - अजनबी लगता है ... ... - Open Books Online2024-03-28T18:25:10Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A951971&xn_auth=noवाह आदरणीय बहुत ही सुन्दर कवि…tag:openbooksonline.com,2018-10-08:5170231:Comment:9523432018-10-08T15:03:01.907Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह आदरणीय बहुत ही सुन्दर कविता..</p>
<p>वाह आदरणीय बहुत ही सुन्दर कविता..</p> आदरणीय सुशिल सरना जी, अच्छी…tag:openbooksonline.com,2018-10-08:5170231:Comment:9521702018-10-08T06:42:08.219ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय सुशिल सरना जी, अच्छी रचना की प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>आदरणीय सुशिल सरना जी, अच्छी रचना की प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें। </p> आ. भाई सुशील जी, बेहतरीन रचना…tag:openbooksonline.com,2018-10-06:5170231:Comment:9519992018-10-06T23:55:32.652Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुशील जी, बेहतरीन रचना हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई सुशील जी, बेहतरीन रचना हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p> खुब सुन्दर रचना आदरणियtag:openbooksonline.com,2018-10-06:5170231:Comment:9521392018-10-06T12:12:03.497Znarendrasinh chauhanhttp://openbooksonline.com/profile/narendrasinhchauhan
<p>खुब सुन्दर रचना आदरणिय</p>
<p>खुब सुन्दर रचना आदरणिय</p> आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बेह…tag:openbooksonline.com,2018-10-06:5170231:Comment:9520422018-10-06T07:48:59.437Zडॉ छोटेलाल सिंहhttp://openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx
<p>आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बेहतरीन कविता का सृजन किया उम्दा भाव के साथ आकर्षक पंक्तियाँ लिखने के लिए बहुत बहुत बधाई</p>
<p>आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बेहतरीन कविता का सृजन किया उम्दा भाव के साथ आकर्षक पंक्तियाँ लिखने के लिए बहुत बहुत बधाई</p> जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत…tag:openbooksonline.com,2018-10-06:5170231:Comment:9520372018-10-06T07:01:00.807ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत उम्दा कविता हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत उम्दा कविता हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> बेहतरीन सृृृजन। रूमानियत और व…tag:openbooksonline.com,2018-10-05:5170231:Comment:9519762018-10-05T16:14:25.443ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>बेहतरीन सृृृजन। रूमानियत और वह अजनबी! वाह। हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना साहिब।</p>
<p>बेहतरीन सृृृजन। रूमानियत और वह अजनबी! वाह। हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना साहिब।</p>