Comments - "तरही ग़ज़ल नम्बर 4 - Open Books Online2024-03-28T13:20:54Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A958010&xn_auth=noजनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2020-06-04:5170231:Comment:10092432020-06-04T06:16:50.698ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p> जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल म…tag:openbooksonline.com,2020-06-04:5170231:Comment:10091912020-06-04T06:15:30.380ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p> जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी आदाब…tag:openbooksonline.com,2020-06-04:5170231:Comment:10093302020-06-04T06:14:04.940ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p>
<p>जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p> वाह वाह वाह बहुत खूब सर लाजवा…tag:openbooksonline.com,2020-06-03:5170231:Comment:10092392020-06-03T17:38:45.216ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
वाह वाह वाह बहुत खूब सर लाजवाब ग़ज़ल हुई । हार्दिक बधाई ।
वाह वाह वाह बहुत खूब सर लाजवाब ग़ज़ल हुई । हार्दिक बधाई । पहले सिल पर घिसा गया है मुझे…tag:openbooksonline.com,2020-06-03:5170231:Comment:10092372020-06-03T15:53:07.214ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>पहले सिल पर घिसा गया है मुझे</p>
<p>फिर जबीं पर मला गया है मुझे</p>
<p>जाल हूँ इक सियासी लीडर का</p>
<p>नफ़रतों से बुना गया है मुझे</p>
<p>वाह आदरणीय समर कबीर साहिब वाह आप ग़ज़ल के बेताज बादशाह हैं। इस बेहतरीन और खूबसूरत दिल को छूती ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर।</p>
<p>पहले सिल पर घिसा गया है मुझे</p>
<p>फिर जबीं पर मला गया है मुझे</p>
<p>जाल हूँ इक सियासी लीडर का</p>
<p>नफ़रतों से बुना गया है मुझे</p>
<p>वाह आदरणीय समर कबीर साहिब वाह आप ग़ज़ल के बेताज बादशाह हैं। इस बेहतरीन और खूबसूरत दिल को छूती ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर।</p> आदरणीय समर कबीर साहिब, इस बा-…tag:openbooksonline.com,2020-06-03:5170231:Comment:10093092020-06-03T15:06:42.653Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooksonline.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब, इस बा-कमाल ग़ज़ल पर बधाई क़ुबूल फ़रमाएँ। एक एक शे'र में आपका फ़न और उस्तादी झलक रही है। और मक़्ता तो वाक़ई लाजवाब है। आपको सादर नमन।</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब, इस बा-कमाल ग़ज़ल पर बधाई क़ुबूल फ़रमाएँ। एक एक शे'र में आपका फ़न और उस्तादी झलक रही है। और मक़्ता तो वाक़ई लाजवाब है। आपको सादर नमन।</p> जनाब रूपम कुमार जी आदाब, ग़ज़ल…tag:openbooksonline.com,2020-06-01:5170231:Comment:10092122020-06-01T12:57:45.774ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब रूपम कुमार जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत शुक्रिय: ।</p>
<p>जनाब रूपम कुमार जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत शुक्रिय: ।</p> जनाब फूल सिंह जी आदाब,
//कबीर…tag:openbooksonline.com,2019-01-10:5170231:Comment:9688782019-01-10T06:27:42.119ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब फूल सिंह जी आदाब,</p>
<p>//<span>कबीर " बहुत खूब उम्दा रचना बधाई स्वीकारें//</span></p>
<p><span>आप बड़े हैं नाम लेकर भी सम्बोधित कर सकते हैं,ग़ज़ल की सराहना के लिए धन्यवाद आपका ।</span></p>
<p>जनाब फूल सिंह जी आदाब,</p>
<p>//<span>कबीर " बहुत खूब उम्दा रचना बधाई स्वीकारें//</span></p>
<p><span>आप बड़े हैं नाम लेकर भी सम्बोधित कर सकते हैं,ग़ज़ल की सराहना के लिए धन्यवाद आपका ।</span></p> "कबीर " बहुत खूब उम्दा रचना ब…tag:openbooksonline.com,2019-01-10:5170231:Comment:9688722019-01-10T06:20:33.863ZPHOOL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/PHOOLSINGH
<p>"कबीर " बहुत खूब उम्दा रचना बधाई स्वीकारें</p>
<p>"कबीर " बहुत खूब उम्दा रचना बधाई स्वीकारें</p> जनाब गुरप्रीत सिंह जी आदाब,ग़ज़…tag:openbooksonline.com,2018-11-01:5170231:Comment:9595282018-11-01T08:52:28.869ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब गुरप्रीत सिंह जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब गुरप्रीत सिंह जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>