Comments - बैसाखियाँ (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T12:35:34Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A959365&xn_auth=noआदरणीय मिर्ज़ा हाफिज बेग जी, अ…tag:openbooksonline.com,2018-11-05:5170231:Comment:9598432018-11-05T10:30:23.909ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय मिर्ज़ा हाफिज बेग जी, अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>आदरणीय मिर्ज़ा हाफिज बेग जी, अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें। </p> आदरणीय मिर्ज़ा हाफिज़ बेग जी आद…tag:openbooksonline.com,2018-11-04:5170231:Comment:9597742018-11-04T02:40:15.760ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय मिर्ज़ा हाफिज़ बेग जी आदाब,</p>
<p> बहुत भी कटाक्षपूर्ण रचना । बाक़ी गुणीजन कह ही चुके हैं , संज्ञान लें । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय मिर्ज़ा हाफिज़ बेग जी आदाब,</p>
<p> बहुत भी कटाक्षपूर्ण रचना । बाक़ी गुणीजन कह ही चुके हैं , संज्ञान लें । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p> शुक्रिया, मोहतरम जनाब समर कबी…tag:openbooksonline.com,2018-11-02:5170231:Comment:9595562018-11-02T15:34:03.692ZMirza Hafiz Baighttp://openbooksonline.com/profile/MirzaHafizBaig
<p>शुक्रिया, मोहतरम जनाब समर कबीर साहब। आपकी हौसला अफजाई का हमेशा मुन्तज़िर रहता हूं। </p>
<p>भाई तेजवीर सिंह जी आपकी कीमती सलाह के लिए शुक्रगुज़ार हूं। मुझे लगता है कि अंतिम पंक्ति, कमज़ोर लोगों के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता को अभिव्यक्त करती है; जो दर्शाना मेरा उद्देश्य था। यदि ऐसा नहीं हो सका तो यह मेरी असफलता है। मेरी इच्छा है, कि इस पंक्ति को प्रभावशाली बनाने हेतु सुझाव दें। धन्यवाद।</p>
<p>शुक्रिया, मोहतरम जनाब समर कबीर साहब। आपकी हौसला अफजाई का हमेशा मुन्तज़िर रहता हूं। </p>
<p>भाई तेजवीर सिंह जी आपकी कीमती सलाह के लिए शुक्रगुज़ार हूं। मुझे लगता है कि अंतिम पंक्ति, कमज़ोर लोगों के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता को अभिव्यक्त करती है; जो दर्शाना मेरा उद्देश्य था। यदि ऐसा नहीं हो सका तो यह मेरी असफलता है। मेरी इच्छा है, कि इस पंक्ति को प्रभावशाली बनाने हेतु सुझाव दें। धन्यवाद।</p> जनाब मिर्ज़ा हफ़ीज़ बैग साहिब आद…tag:openbooksonline.com,2018-11-02:5170231:Comment:9594612018-11-02T09:52:55.337ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मिर्ज़ा हफ़ीज़ बैग साहिब आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब मिर्ज़ा हफ़ीज़ बैग साहिब आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय मिर्ज़ा हफ़…tag:openbooksonline.com,2018-11-02:5170231:Comment:9593972018-11-02T04:58:41.822ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मिर्ज़ा हफ़ीज़ बेग जी। बेहतरीन कटाक्ष पूर्ण लघुकथा।मेरी निजी राय है कि इसमें अंतिम पंक्ति अनावश्यक लग रही है। सादर।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मिर्ज़ा हफ़ीज़ बेग जी। बेहतरीन कटाक्ष पूर्ण लघुकथा।मेरी निजी राय है कि इसमें अंतिम पंक्ति अनावश्यक लग रही है। सादर।</p>