Comments - कलम .... - Open Books Online2024-03-28T11:12:20Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A968748&xn_auth=noजनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी…tag:openbooksonline.com,2019-01-08:5170231:Comment:9687832019-01-08T09:27:36.157ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> //कलम को बैसाखी की नहीं अपितु…tag:openbooksonline.com,2019-01-07:5170231:Comment:9687012019-01-07T15:02:12.215ZMahendra Kumarhttp://openbooksonline.com/profile/Mahendra
<p>//कलम को बैसाखी की नहीं<span> </span><br/>अपितु<span> </span><br/>भाव</p>
<p>बिना कलम की बैसाखी के<span> </span><br/>मृत समान होते हैं// ...बहुत ख़ूब!</p>
<p></p>
<p>"कलम" पर बढ़िया कलम चलायी आपने आदरणीय सुशील सरना जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.</p>
<p>//कलम को बैसाखी की नहीं<span> </span><br/>अपितु<span> </span><br/>भाव</p>
<p>बिना कलम की बैसाखी के<span> </span><br/>मृत समान होते हैं// ...बहुत ख़ूब!</p>
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<p>"कलम" पर बढ़िया कलम चलायी आपने आदरणीय सुशील सरना जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.</p>