Comments - एक ग़ज़ल रुबाइ की बह्र में - Open Books Online2024-03-28T14:16:22Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A977576&xn_auth=noबहुत शुक्रिय: प्रिय आज़ी तमाम ।tag:openbooksonline.com,2021-02-15:5170231:Comment:10507702021-02-15T11:07:22.006ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>बहुत शुक्रिय: प्रिय आज़ी तमाम ।</p>
<p>बहुत शुक्रिय: प्रिय आज़ी तमाम ।</p> गुरु जी आप तो कमाल ही लिखते प…tag:openbooksonline.com,2021-02-15:5170231:Comment:10506742021-02-15T11:00:08.787ZAazi Tamaamhttp://openbooksonline.com/profile/AaziTamaa
<p>गुरु जी आप तो कमाल ही लिखते पहली बार मैंने आपकी ये इक ग़ज़ल पढ़ी</p>
<p>बेहतरीन........... बेहतरीन............ बेहतरीन</p>
<p>गुरु जी आप तो कमाल ही लिखते पहली बार मैंने आपकी ये इक ग़ज़ल पढ़ी</p>
<p>बेहतरीन........... बेहतरीन............ बेहतरीन</p> बहुत शुक्रिय: मंजू सक्सेना जी…tag:openbooksonline.com,2019-12-05:5170231:Comment:9975392019-12-05T11:29:50.126ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>बहुत शुक्रिय: मंजू सक्सेना जी ।</p>
<p>बहुत शुक्रिय: मंजू सक्सेना जी ।</p> बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल... कबीर सरtag:openbooksonline.com,2019-12-05:5170231:Comment:9972752019-12-05T07:42:18.459ZManju Saxenahttp://openbooksonline.com/profile/ManjuSaxena
<p>बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल... कबीर सर</p>
<p>बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल... कबीर सर</p> जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल म…tag:openbooksonline.com,2019-11-26:5170231:Comment:9971092019-11-26T11:47:30.587ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।</p> पाना जो शिखर हो तो मेरे साथ च…tag:openbooksonline.com,2019-11-26:5170231:Comment:9970142019-11-26T10:37:34.529ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>पाना जो शिखर हो तो मेरे साथ चलो</p>
<p>ये अज़्म अगर हो तो मेरे साथ चलो</p>
<p>दीवार के उस पार भी जो देख सके</p>
<p>वो तेज़ नज़र हो तो मेरे साथ चलो<br/>वाह आदरणीय बेहद खूबसूरत अहसासों से सजी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिल बधाई कबूल फरमाएं सर।</p>
<p>पाना जो शिखर हो तो मेरे साथ चलो</p>
<p>ये अज़्म अगर हो तो मेरे साथ चलो</p>
<p>दीवार के उस पार भी जो देख सके</p>
<p>वो तेज़ नज़र हो तो मेरे साथ चलो<br/>वाह आदरणीय बेहद खूबसूरत अहसासों से सजी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिल बधाई कबूल फरमाएं सर।</p> जनाब अजय तिवारी जी आदाब,ग़ज़ल म…tag:openbooksonline.com,2019-07-20:5170231:Comment:9883962019-07-20T06:40:23.446ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अजय तिवारी जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p></p>
<p>// इस बह्र में मीर की सिर्फ एक ग़ज़ल है और मीर के बाद पुराने लोगों में सिर्फ़ फ़ानी ने इसमें हाथ आजमाए हैं.//</p>
<p>इस जानकारी के लिए अलग से धन्यवाद ।</p>
<p>जनाब अजय तिवारी जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
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<p>// इस बह्र में मीर की सिर्फ एक ग़ज़ल है और मीर के बाद पुराने लोगों में सिर्फ़ फ़ानी ने इसमें हाथ आजमाए हैं.//</p>
<p>इस जानकारी के लिए अलग से धन्यवाद ।</p> आदरणीय समर साहब, खूबसूरत ग़ज़ल…tag:openbooksonline.com,2019-07-20:5170231:Comment:9883902019-07-20T05:01:49.399ZAjay Tiwarihttp://openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय समर साहब, खूबसूरत ग़ज़ल हुई है. इस बह्र में मीर की सिर्फ एक ग़ज़ल है और मीर के बाद पुराने लोगों में सिर्फ़ फ़ानी ने इसमें हाथ आजमाए हैं. हार्दिक बधाई.</p>
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<p>आदरणीय समर साहब, खूबसूरत ग़ज़ल हुई है. इस बह्र में मीर की सिर्फ एक ग़ज़ल है और मीर के बाद पुराने लोगों में सिर्फ़ फ़ानी ने इसमें हाथ आजमाए हैं. हार्दिक बधाई.</p>
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<p></p> जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,ग़ज़ल…tag:openbooksonline.com,2019-04-28:5170231:Comment:9828182019-04-28T12:45:14.662ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।</p> जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आद…tag:openbooksonline.com,2019-04-28:5170231:Comment:9828172019-04-28T12:43:45.473ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।</p>
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।</p>