Comments - वागीश्वरी सवैया-रामबली गुप्ता - Open Books Online2024-03-28T11:12:36Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A981017&xn_auth=noबहुत सुंदर छन्द आदरणीय रामबली…tag:openbooksonline.com,2019-04-21:5170231:Comment:9814272019-04-21T06:37:00.258Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>बहुत सुंदर छन्द आदरणीय रामबली भाई जी, विधान यगण ×7 +लगा प्रतीत हो रहाhai. सादर</p>
<p>बहुत सुंदर छन्द आदरणीय रामबली भाई जी, विधान यगण ×7 +लगा प्रतीत हो रहाhai. सादर</p> आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय भा…tag:openbooksonline.com,2019-04-19:5170231:Comment:9810052019-04-19T12:11:22.516Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई बृजेश कुमार जी</p>
<p>आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई बृजेश कुमार जी</p> सराहना एवं प्रोत्साहन के लिए…tag:openbooksonline.com,2019-04-19:5170231:Comment:9808972019-04-19T12:10:35.138Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>सराहना एवं प्रोत्साहन के लिए सादर आभार भाई आद सुशील सरना जी</p>
<p>सराहना एवं प्रोत्साहन के लिए सादर आभार भाई आद सुशील सरना जी</p> वाह जी वाह आदरणीय गुप्ता जी ख…tag:openbooksonline.com,2019-04-19:5170231:Comment:9810742019-04-19T10:13:23.805Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह जी वाह आदरणीय गुप्ता जी खूब छंद निभाया है सुन्दर सरस..</p>
<p>वाह जी वाह आदरणीय गुप्ता जी खूब छंद निभाया है सुन्दर सरस..</p> आदरणीय रामबली गुप्ता जी अति स…tag:openbooksonline.com,2019-04-18:5170231:Comment:9808772019-04-18T14:30:16.962ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय रामबली गुप्ता जी अति सुंदर और मनभावन सृजन के लिए दिल से बधाई ।</p>
<p>आदरणीय रामबली गुप्ता जी अति सुंदर और मनभावन सृजन के लिए दिल से बधाई ।</p> लिखने में टंकण त्रुटि हो गई ह…tag:openbooksonline.com,2019-04-18:5170231:Comment:9809862019-04-18T09:53:06.336Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>लिखने में टंकण त्रुटि हो गई है आदरणीय गोपाल सर जी।क्षमाप्रार्थी हूँ अभी सुधार लेता हूँ। सादर धन्यवाद</p>
<p>लिखने में टंकण त्रुटि हो गई है आदरणीय गोपाल सर जी।क्षमाप्रार्थी हूँ अभी सुधार लेता हूँ। सादर धन्यवाद</p> प्रिय राम बली जी . आपके सूत्र…tag:openbooksonline.com,2019-04-18:5170231:Comment:9808732019-04-18T07:50:14.943Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>प्रिय राम बली जी . आपके सूत्र की मात्रिक व्यवस्था अधूरी है - (122X 7+ 1 2 )और वर्णिक व्यवस्था आपने दी नही (12 वर्ण , 11 वर्ण )</p>
<p>आपके छंद का शिल्प सधा हुआ है i इसके लिए बधाई I </p>
<p>प्रिय राम बली जी . आपके सूत्र की मात्रिक व्यवस्था अधूरी है - (122X 7+ 1 2 )और वर्णिक व्यवस्था आपने दी नही (12 वर्ण , 11 वर्ण )</p>
<p>आपके छंद का शिल्प सधा हुआ है i इसके लिए बधाई I </p> बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय भाई…tag:openbooksonline.com,2019-04-17:5170231:Comment:9809692019-04-17T13:04:40.735Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय भाई साहब। सब आप सभी सामीप्य और सहयोग से सीखा है।</p>
<p>बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय भाई साहब। सब आप सभी सामीप्य और सहयोग से सीखा है।</p> जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,बह…tag:openbooksonline.com,2019-04-17:5170231:Comment:9809672019-04-17T12:43:10.574ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,बहुत मुश्किल छन्द है भाई,कहने में पसीने आ जाते हैं,मगर आपने बहुत ख़ूब कहा, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,बहुत मुश्किल छन्द है भाई,कहने में पसीने आ जाते हैं,मगर आपने बहुत ख़ूब कहा, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>