Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-28T19:07:54Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A985776&xn_auth=noआदरणीय शेख़ जी,
बहुत ही बेहत…tag:openbooksonline.com,2019-06-22:5170231:Comment:9861692019-06-22T17:56:41.291Zरक्षिता सिंहhttp://openbooksonline.com/profile/RakshitaSingh
<p>आदरणीय शेख़ जी, </p>
<p>बहुत ही बेहतरीन रचना बहुत बहुत मुबारकबाद ।</p>
<p>आदरणीय शेख़ जी, </p>
<p>बहुत ही बेहतरीन रचना बहुत बहुत मुबारकबाद ।</p> मोहतरम समर कबीर साहब,आदाब
बहु…tag:openbooksonline.com,2019-06-12:5170231:Comment:9856842019-06-12T10:02:47.717ZShaikh Zubairhttp://openbooksonline.com/profile/ShaikhZubair
मोहतरम समर कबीर साहब,आदाब<br />
बहुत बहुत शुक्रिया आपका<br />
मुझे तुम फ़ोन करना<br />
इबादत हो गई तो।<br />
इस शेर में ये कहने की कोशिश की है के,<br />
तुम्हारी इबादत होने के बाद मुझे फ़ोन करना,<br />
इबादत को पहल दी गई है बेशक इबादत सब से पहले है।<br />
लेकिन आपकी राय सर आँखों पर, बदलने की कोशिश करूंगा।
मोहतरम समर कबीर साहब,आदाब<br />
बहुत बहुत शुक्रिया आपका<br />
मुझे तुम फ़ोन करना<br />
इबादत हो गई तो।<br />
इस शेर में ये कहने की कोशिश की है के,<br />
तुम्हारी इबादत होने के बाद मुझे फ़ोन करना,<br />
इबादत को पहल दी गई है बेशक इबादत सब से पहले है।<br />
लेकिन आपकी राय सर आँखों पर, बदलने की कोशिश करूंगा। जनाब शैख़ ज़ुबैर अहमद साहिब आदा…tag:openbooksonline.com,2019-06-12:5170231:Comment:9856012019-06-12T05:57:23.952ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब शैख़ ज़ुबैर अहमद साहिब आदाब,ओबीओ मंच पर आपका स्वागत है ।</p>
<p>ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'मुझे तुम फ़ोन करना,</span><br/><span>इबादत हो गई तो'</span></p>
<p><span>इस शैर का मफ़हूम (भाव)स्पष्ट नहीं है,देखियेगा ।</span></p>
<p>जनाब शैख़ ज़ुबैर अहमद साहिब आदाब,ओबीओ मंच पर आपका स्वागत है ।</p>
<p>ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'मुझे तुम फ़ोन करना,</span><br/><span>इबादत हो गई तो'</span></p>
<p><span>इस शैर का मफ़हूम (भाव)स्पष्ट नहीं है,देखियेगा ।</span></p>