Comments - नादान बशर - Open Books Online2024-03-29T14:00:44Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A987047&xn_auth=noशुक्रिया समर जी, ऐसे ही मार्ग…tag:openbooksonline.com,2019-07-08:5170231:Comment:9873072019-07-08T06:46:25.787Zप्रदीप देवीशरण भट्टhttp://openbooksonline.com/profile/PradeepDevisharanBhatt
<p>शुक्रिया समर जी, ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहिए, बंदा भी कुछ सीख जाएगा।</p>
<p>शुक्रिया समर जी, ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहिए, बंदा भी कुछ सीख जाएगा।</p> जनाब प्रदीप जी आदाब,ग़ज़ल का प्…tag:openbooksonline.com,2019-07-07:5170231:Comment:9868882019-07-07T06:50:48.556ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब प्रदीप जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'फ़िर भी ये लगते नहीं लाचार हैं'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में रदीफ़ बदल गई है,देखें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'जिसके हाथों में हैं ज्यादा पुतलियाँ,'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'ज़्यादा' की जगह "जितनी'' शब्द उचित होगा क्योंकि सानी में 'उतनी' शब्द है ।</span></p>
<p>जनाब प्रदीप जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'फ़िर भी ये लगते नहीं लाचार हैं'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में रदीफ़ बदल गई है,देखें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'जिसके हाथों में हैं ज्यादा पुतलियाँ,'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'ज़्यादा' की जगह "जितनी'' शब्द उचित होगा क्योंकि सानी में 'उतनी' शब्द है ।</span></p>