Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-28T16:50:52Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A987627&xn_auth=noजनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2019-07-20:5170231:Comment:9876912019-07-20T14:49:24.241ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ालिब की ज़मीन में ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'सारी बस्ती तबाह है तुझसे'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में तनाफ़ुर देखें,मिसरा यूँ कर लें तो ऐब निकल जायेगा:-</span></p>
<p><span>'सारी बस्ती तबाह की तूने'</span></p>
<p></p>
<p><span>'रुख से चिलमन तेरा हटा क्या है'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'चिलमन' शब्द स्त्रीलिंग है,इसकी जगह "पर्दा" कर सकते हैं ।</span></p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ालिब की ज़मीन में ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'सारी बस्ती तबाह है तुझसे'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में तनाफ़ुर देखें,मिसरा यूँ कर लें तो ऐब निकल जायेगा:-</span></p>
<p><span>'सारी बस्ती तबाह की तूने'</span></p>
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<p><span>'रुख से चिलमन तेरा हटा क्या है'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'चिलमन' शब्द स्त्रीलिंग है,इसकी जगह "पर्दा" कर सकते हैं ।</span></p> फूँक कर छाछ पी रहा है वो ।आदम…tag:openbooksonline.com,2019-07-19:5170231:Comment:9876492019-07-19T08:12:14.577Zप्रदीप देवीशरण भट्टhttp://openbooksonline.com/profile/PradeepDevisharanBhatt
<p>फूँक कर छाछ पी रहा है वो ।<br/>आदमी दूध का जला क्या है ।।</p>
<p></p>
<p>चाँद दिखता नहीं है कुछ दिन से ।<br/>घर पे पहरा कोई लगा क्या है ।।</p>
<p>गज़ब ख्याल</p>
<p>फूँक कर छाछ पी रहा है वो ।<br/>आदमी दूध का जला क्या है ।।</p>
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<p>चाँद दिखता नहीं है कुछ दिन से ।<br/>घर पे पहरा कोई लगा क्या है ।।</p>
<p>गज़ब ख्याल</p>