Comments - गीत: तब तुम कोई गीत लिखना प्रिये! - Open Books Online2024-03-29T13:04:42Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A997889&xn_auth=noआदरणीय समर कबीर जी बधाई के लि…tag:openbooksonline.com,2020-01-04:5170231:Comment:9986282020-01-04T01:57:13.849ZDr. Geeta Chaudharyhttp://openbooksonline.com/profile/DrgeetaChaudhary
<p style="text-align: left;">आदरणीय समर कबीर जी बधाई के लिए सादर आभार। सुझाव एवम् संशोधन के लिए मै विशेष रूप से आपका आभार व्यक्त करती हूं। आपकी प्रतिक्रिया का बहुत इंतजार रहता है जो आगे बढ़ने एवम् नया सीखने, लिखने की प्रेरणा देता है। सादर आभार।</p>
<p style="text-align: left;">आदरणीय समर कबीर जी बधाई के लिए सादर आभार। सुझाव एवम् संशोधन के लिए मै विशेष रूप से आपका आभार व्यक्त करती हूं। आपकी प्रतिक्रिया का बहुत इंतजार रहता है जो आगे बढ़ने एवम् नया सीखने, लिखने की प्रेरणा देता है। सादर आभार।</p> मुहतरमा डॉ. गीता चौधरी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2020-01-03:5170231:Comment:9984702020-01-03T10:02:17.606ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा डॉ. गीता चौधरी जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>और संभाले ना संभले मन'</span></p>
<p><span><strong>"और सँभाले न सँभले मन"</strong></span></p>
<p></p>
<p><span><strong>'और खोजे अक्श मेरा तुम्हारा मन'</strong></span></p>
<p><span><strong>इस पंक्ति में 'अक्श' को "अक्स" कर लें । </strong></span></p>
<p>मुहतरमा डॉ. गीता चौधरी जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>और संभाले ना संभले मन'</span></p>
<p><span><strong>"और सँभाले न सँभले मन"</strong></span></p>
<p></p>
<p><span><strong>'और खोजे अक्श मेरा तुम्हारा मन'</strong></span></p>
<p><span><strong>इस पंक्ति में 'अक्श' को "अक्स" कर लें । </strong></span></p> आदरणीय प्रदीप देवीशरण जी रचना…tag:openbooksonline.com,2020-01-02:5170231:Comment:9984062020-01-02T08:54:26.970ZDr. Geeta Chaudharyhttp://openbooksonline.com/profile/DrgeetaChaudhary
<p>आदरणीय प्रदीप देवीशरण जी रचना आपको पसंद आईI हार्दिक आभारI</p>
<p>आदरणीय प्रदीप देवीशरण जी रचना आपको पसंद आईI हार्दिक आभारI</p> बहुत खूब गीता जी,
जब मेरी कमी…tag:openbooksonline.com,2020-01-02:5170231:Comment:9984032020-01-02T07:25:15.048Zप्रदीप देवीशरण भट्टhttp://openbooksonline.com/profile/PradeepDevisharanBhatt
<p>बहुत खूब गीता जी,</p>
<p>जब मेरी कमी तुमको खले,<br/>और खोजे अक्श* मेरा तुम्हारा मन</p>
<p>*(अक्स)</p>
<p>और आसुओं से धुँधले हो जाएं नयन।</p>
<p>बहुत खूब गीता जी,</p>
<p>जब मेरी कमी तुमको खले,<br/>और खोजे अक्श* मेरा तुम्हारा मन</p>
<p>*(अक्स)</p>
<p>और आसुओं से धुँधले हो जाएं नयन।</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बधाई क…tag:openbooksonline.com,2019-12-28:5170231:Comment:9980542019-12-28T10:52:25.186ZDr. Geeta Chaudharyhttp://openbooksonline.com/profile/DrgeetaChaudhary
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बधाई के लिए सादर आभारI</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बधाई के लिए सादर आभारI</p> आ. गीता जी, सुन्दर गीत हुआ है…tag:openbooksonline.com,2019-12-27:5170231:Comment:9981512019-12-27T23:46:04.966Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. गीता जी, सुन्दर गीत हुआ है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. गीता जी, सुन्दर गीत हुआ है । हार्दिक बधाई ।</p>