Comments - ख्वाब के दो खत -एक नज़्म - Open Books Online2024-03-28T20:55:03Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A999570&xn_auth=noआदरणीय समर कबीर साहब इस लंबी…tag:openbooksonline.com,2020-01-28:5170231:Comment:10002202020-01-28T11:23:09.835Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>आदरणीय समर कबीर साहब इस लंबी नजम पर किसी का ध्यान नहीं गया लेकिन आपने अपने दो शब्द कहकर मुझे आश्वस्त कर दिया कि मैंने थोड़ा बहुत ठीक काम कर दिया है आशीर्वाद बनाए रखिए सादर आभार</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहब इस लंबी नजम पर किसी का ध्यान नहीं गया लेकिन आपने अपने दो शब्द कहकर मुझे आश्वस्त कर दिया कि मैंने थोड़ा बहुत ठीक काम कर दिया है आशीर्वाद बनाए रखिए सादर आभार</p> जनाब मनोज अहसास जी आदाब,अच्छी…tag:openbooksonline.com,2020-01-28:5170231:Comment:10000802020-01-28T10:05:33.628ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,अच्छी नज़्म लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,अच्छी नज़्म लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।</p>