Comments - अहसास की ग़ज़ल-मनोज अहसास - Open Books Online2024-03-28T14:20:13Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A999595&xn_auth=no//इस शेयर में मैंने जलाल का अ…tag:openbooksonline.com,2020-01-29:5170231:Comment:10001852020-01-29T09:05:03.913ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p><span>//इस शेयर में मैंने जलाल का अर्थ तेज प्रकाश लिया है यह मैंने एक शब्दकोश में पढ़ा था बाकी आप बताने की कृपा करें//</span></p>
<p>"जलाल" का अर्थ होता है,ये अरबी भाषा का शब्द है,अर्थ,बुज़ुर्गी, अज़मत,बड़ाई, ग़ुस्सा, शान-ओ-शौकत,जोश ।</p>
<p><span>'इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में रदीफ़ के साथ इसका वाक्य विन्यास भी ठीक नहीं ।</span></p>
<p><span>'अपने खुदा की राह में खुद को जमाल कर'</span></p>
<p><span>'जमाल' अरबी भाषा का शब्द है,इसका अर्थ…</span></p>
<p><span>//इस शेयर में मैंने जलाल का अर्थ तेज प्रकाश लिया है यह मैंने एक शब्दकोश में पढ़ा था बाकी आप बताने की कृपा करें//</span></p>
<p>"जलाल" का अर्थ होता है,ये अरबी भाषा का शब्द है,अर्थ,बुज़ुर्गी, अज़मत,बड़ाई, ग़ुस्सा, शान-ओ-शौकत,जोश ।</p>
<p><span>'इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में रदीफ़ के साथ इसका वाक्य विन्यास भी ठीक नहीं ।</span></p>
<p><span>'अपने खुदा की राह में खुद को जमाल कर'</span></p>
<p><span>'जमाल' अरबी भाषा का शब्द है,इसका अर्थ है,हुस्न,जोबन,रूप,ख़ूबसूरती ।</span></p>
<p><span>अब इन अर्थों के साथ आप ख़ुद ग़ौर करें ।</span></p>
<p></p>
<p></p> आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस…tag:openbooksonline.com,2020-01-28:5170231:Comment:10001662020-01-28T11:21:53.994Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार इस शेयर में मैंने जलाल का अर्थ तेज प्रकाश लिया है यह मैंने एक शब्दकोश में पढ़ा था बाकी आप बताने की कृपा करें मैंने आप को फोन भी किया था पर आपका फोन स्विच ऑफ आ रहा है जमाल वाले शेर के बारे में आपसे फोन पर ही बात करूंगा आशीर्वाद बनाए रखें आपके बिना हमारी गजलें अधूरी हैं</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार इस शेयर में मैंने जलाल का अर्थ तेज प्रकाश लिया है यह मैंने एक शब्दकोश में पढ़ा था बाकी आप बताने की कृपा करें मैंने आप को फोन भी किया था पर आपका फोन स्विच ऑफ आ रहा है जमाल वाले शेर के बारे में आपसे फोन पर ही बात करूंगा आशीर्वाद बनाए रखें आपके बिना हमारी गजलें अधूरी हैं</p> आदरणीय रवि भसीन शाहिद साहब आप…tag:openbooksonline.com,2020-01-28:5170231:Comment:10000862020-01-28T11:20:07.655Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>आदरणीय रवि भसीन शाहिद साहब आपका बहुत-बहुत शुक्रिया दरअसल जो बातें आपने बताई हैं वह बातें समर कबीर साहब मुझे बहुत बार बता चुके हैं पर क्योंकि मैं उर्दू जानता नहीं हूं इसलिए इन बातों का पालन करने से चूक जाता हूं आगे से पूरा पूरा ध्यान रखूंगा साथ रहने के लिए शुक्रिया</p>
<p>आदरणीय रवि भसीन शाहिद साहब आपका बहुत-बहुत शुक्रिया दरअसल जो बातें आपने बताई हैं वह बातें समर कबीर साहब मुझे बहुत बार बता चुके हैं पर क्योंकि मैं उर्दू जानता नहीं हूं इसलिए इन बातों का पालन करने से चूक जाता हूं आगे से पूरा पूरा ध्यान रखूंगा साथ रहने के लिए शुक्रिया</p> जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल क…tag:openbooksonline.com,2020-01-28:5170231:Comment:10002182020-01-28T10:30:21.171ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'इल्मों' को "इल्म-ओ-लिखें,और सानी में 'जलाल' का क्या अर्थ लिया है,बताने का कष्ट करें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'अपने खुदा की राह में खुद को जमाल कर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में क़ाफ़िया भर्ती का है ।</span></p>
<p></p>
<p>आपको जो बातें आज जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी ने विस्तार से बताई हैं,वो मैं आपको कई बार बता चुका हूँ, उनकी बातों…</p>
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'इल्मों' को "इल्म-ओ-लिखें,और सानी में 'जलाल' का क्या अर्थ लिया है,बताने का कष्ट करें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'अपने खुदा की राह में खुद को जमाल कर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में क़ाफ़िया भर्ती का है ।</span></p>
<p></p>
<p>आपको जो बातें आज जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी ने विस्तार से बताई हैं,वो मैं आपको कई बार बता चुका हूँ, उनकी बातों का संज्ञान लें ।</p> मनोज भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल…tag:openbooksonline.com,2020-01-22:5170231:Comment:9996022020-01-22T15:09:04.791Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooksonline.com/profile/RaviBhasin
<p><span style="font-weight: 400;">मनोज भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है, आपको बधाई। ग़ज़ल बहर में है, लेकिन अगर आप नुक़्ते का भी इस्तेमाल करें तो spelling भी ठीक हो जाएंगे। </span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">फैसले = phaisle</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">फ़ैसले = faisle</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">जिंदगी = jindagee</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ज़िंदगी = zindagee</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">मुकद्दर…</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">मनोज भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है, आपको बधाई। ग़ज़ल बहर में है, लेकिन अगर आप नुक़्ते का भी इस्तेमाल करें तो spelling भी ठीक हो जाएंगे। </span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">फैसले = phaisle</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">फ़ैसले = faisle</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">जिंदगी = jindagee</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ज़िंदगी = zindagee</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">मुकद्दर = mukaddar </span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">मुक़द्दर = muqaddar</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">निजाम = nijaam</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">निज़ाम = nizaam</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">इनके इलावा ख़्याल, ख़ुद, ख़ुदा, ख़िदमत, ख़त, ख़ूबी - ये सारे लफ़्ज़ों में 'ख' के नीचे नुक़्ता (.) लगाया जाना चाहिए, क्यूंकि ये उर्दू में 'ख़े = خ' से लिखे जाते हैं, न कि 'ख = کھ' से</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">मैं ये बातें आपको इसलिए बता रहा हूँ क्यूंकि मुझे ये स्कूल में या कॉलेज में किसी ने नहीं बताई थीं। फिर जब उर्दू सीखी तो ये सब समझ आना शुरू हुआ। देखिये नुक़्ते से हर्फ़ की आवाज़ कैसे बदल जाती है:</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">क = कौन</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">क़ = क़ौम (guttural sound, produced in the back of the throat)</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ख = खाना</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ख़ = ख़ाना (जैसे कि 'मैख़ाना', guttural sound, produced in the back of the throat)</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ग = गाल</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ग़ = ग़ालिब (guttural sound, produced in the back of the throat)</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">फ = फूल ('ph' sound)</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">फ़ = फ़ायदा ('f' sound)</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ज = जग ('j' sound)</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">ज़ = ज़हर ('z' sound)</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-weight: 400;">आशा करता हूँ मैं आपको कुछ लाभ पहुंचा सका। शुभ कामनाएं।</span></p>