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नहीं हमारी नहीं तुम्हारी
अखिल विश्व में महा-बिमारी
आई पैर पसार
भैया मत छोड़ो घर-द्वार
भैया मत छोड़ो घर-द्वार 

निकल चीन से पूर्ण जगत में डाल दिया है डेरा
यह विषाणु से जनित बिमारी, खतरनाक है घेरा
रहो घरों में रहो अकेले
नहीं लगाओ जमघट मेले
कहती है सरकार
भैया मत छोड़ो घर-द्वार 

नहीं आम यह सर्दी-खाँसी इसका नाम कोरोना
नहीं दवाई इसकी, होने पर केवल है रोना
इसीलिए मत घर से निकलो
धीर धरो पतझड़ से निकलो
मानो राजदुलार
बेटे मत छोड़ो घर-द्वार 

 

एक दूसरे से मीटर भर दूरी रखो बनाके
सेनीटाइज रहो, रहो तुम मुँह पर मास्क लगाके
नहीं मिलाओ हाथ किसी से
हाथ जोड़कर करो सभी से
भैया नमस्कार
बाबू मत छोड़ो घर-द्वार 

हाथ बराबर साबुन से धोने की आदत डालो
और नाक-मुँह ढक कर राखो जीवन शुद्ध बनालो
रखो बराबर गैप बनाकर
मगर सभी से द्वेष मिटाकर
भजो नाथ करतार
भैया मत छोड़ो घर-द्वार

मौलिक एवं अप्रकाशित

आशीष यादव

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Comment

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Comment by आशीष यादव on April 7, 2020 at 8:17am

आदरणीय श्री Samar kabeer साहब

हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2020 at 4:20pm

जनाबाशीष यादव जी आदाब,अच्छी रचना हुई,बधाई स्वीकार करें ।

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