For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

याद आता तब ख़ुदा जब आसरा कोई न हो

बह्र 2122 2122 2122 212

बे असर हों सब दुआएँ,और दवा कोई न हो
याद आता तब ख़ुदा जब आसरा कोई न हो ||

क्यूँ छुपाती हुस्न अपना हर घड़ी पर्दानशी
हुस्न वो किस काम का गर देखता कोई न हो ||

एक ख़्वाहिश है मेरी यारो ख़ुदा के फ़ज़्ल से
शैर इक ऐसा कहूँ, जैसा कहा कोई न हो ||

कौन आया है यहाँ पीकर,बता आब-ए-हयात
कौन सा घर है बता जिसमें मरा कोई न हो ||

दोष देना हो किसी को,देख लो ख़ुद आइना
ये भी तो सम्भव है कि तुमसे बुरा कोई न हो ||

दोष क़िस्मत का हमेशा ही नहीं होता मियाँ
कौन है जिसको यहाँ मौका मिला कोई न हो ||

दर्द सबका बाँट लें हमसब अगर मिलकर यहाँ
'नाथ' दावा है मेरा फिर गमज़दा कोई न हो ||

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 1019

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on July 12, 2017 at 10:15pm
आद0 महेंद्र जी सादर अभिवादन, आपके हौसला अफजाई के लिए कोटिश आभार
Comment by Mahendra Kumar on July 12, 2017 at 9:50pm

दोष देना हो किसी को,देख लो ख़ुद आइना
ये भी तो सम्भव है कि तुमसे बुरा कोई न हो ...वाह भाई सुरेन्द्र जी! यह शेर पढ़कर मज़ा आ गया. दूसरे शेर को छोड़ दिया जाए तो पूरी ग़ज़ल बहुत उम्दा है. मेरी तरफ़ से दिल से बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:38am

आदरणीय सुरेन्द्र भाई , बेहतरीन गज़ल कही है आपने .. दिली बधाइयाँ स्वीकार करें

Comment by नाथ सोनांचली on July 9, 2017 at 7:37pm
आद0 रामबली जी सादर अभिवादन। गजल पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on July 9, 2017 at 7:36pm
आद0 सतविंदर जी सादर अभिवादन। गजल पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on July 9, 2017 at 7:36pm
आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। गजल पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on July 9, 2017 at 7:35pm
आद0 लक्मन धामी जी सादर अभिवादन। गजल पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार।
Comment by रामबली गुप्ता on July 8, 2017 at 10:20pm
क्या जबर्दस्त ग़ज़ल हुई है भाई सुरेंद्र नाथ जी। दिल से बधाई स्वीकारें। सादर
Comment by रामबली गुप्ता on July 8, 2017 at 10:20pm
क्या जबर्दस्त ग़ज़ल हुई है भाई सुरेंद्र नाथ जी। दिल से बधाई स्वीकारें। सादर
Comment by Sushil Sarna on July 8, 2017 at 3:14pm

बे असर हों सब दुआएँ,और दवा कोई न हो
याद आता तब ख़ुदा जब आसरा कोई न हो ||

क्यूँ छुपाती हुस्न अपना हर घड़ी पर्दानशी
हुस्न वो किस काम का गर देखता कोई न हो ||

वाह वाह वाह आदरणीय सुरेन्दर जी .... मज़ा आ गया है आपके अशआर पढ़कर ... दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
3 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
3 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
24 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service