For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1222 1222 1222 1222 

बड़ी उम्मीद थी उनसे वतन को शाद रक्खेंगे ।
खबर क्या थी चमन में वो सितम आबाद रक्खेंगे ।।

है पापी पेट से रिश्ता पकौड़े बेच लेंगे हम।
मगर गद्दारियाँ तेरी हमेशा याद रक्खेंगे ।।

हमारी पीठ पर ख़ंजर चलाकर आप तो साहब ।
नये जुमले से नफ़रत की नई बुनियाद रक्खेंगे ।।

विधेयक शाहबानो सा दिये हैं फख्र से तोहफा ।
लगाकर आग वो कायम यहां उन्माद रक्खेंगे ।।

इलक्शन आ रहा है दाल गल जाए न फिर उनकी।
तरीका हम भी अपने वास्ते ईज़ाद रक्खेंगे ।।

बहुत अब हो चुका हिन्दू मुसलमां का यहाँ नाटक ।
तुम्हारी ख्वाहिशों को हम तो मुर्दाबाद रक्खेंगे ।।

मिटा देने की जुर्रत आपने बेशक़ किया साहब ।
सवर्णो की ख़ुशी को लोग जिंदाबाद रक्खेंगे ।।

ये हिंदुस्तान है प्यारे पता है असलियत सबकी ।
कहाँ पर वोट की घटती हुई तादाद रक्खेंगे ।।

अभी तो वक्त है कर लें तमन्ना जुल्म की पूरी ।
नहीं हम आपसे कोई कभी फ़रियाद रक्खेंगे ।।

मिली सत्ता थी इस खातिर मिटेगा जातिवादी विष ।
भला जनता से कैसे आप अब सम्वाद रक्खेंगे ।।

निजी हाथों में भारत का मुकद्दर बेच डाला है ।
बचाकर रोजियां कितनी यहां उस्ताद रक्खेंगे ।।


नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 492

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by narendrasinh chauhan on August 17, 2018 at 4:15pm
सुन्दर रचना
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 16, 2018 at 6:54am

बेहतरीन गजल के लिए ढेरों हार्दिक बधाई ...

Comment by नादिर ख़ान on August 15, 2018 at 7:59pm

बड़ी उम्मीद थी उनसे वतन को शाद रक्खेंगे ।
खबर क्या थी चमन में वो सितम आबाद रक्खेंगे ।।

है पापी पेट से रिश्ता पकौड़े बेच लेंगे हम।
मगर गद्दारियाँ तेरी हमेशा याद रक्खेंगे ।।..... उम्दा अशआर आदरणीय नवीन मणि जी ....

सम्वाद  को संवाद  कर लीजिये 

Comment by Samar kabeer on August 15, 2018 at 7:56pm

5,6,और 8 नम्बर के अशआर पर ग़ौर करें ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on August 15, 2018 at 7:09pm

आ0 कबीर सर सादर नमन । मुझे लगता है नीचे से तीन शेर की ओर आपका इशारा है । देखता हूँ ।

Comment by babitagupta on August 15, 2018 at 3:24pm

वतनपरस्ती का जज्बा बयान करती पंक्तियाँ ,बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक   बधाई स्वीकार कीयेगा आदरणीय सरजी।

Comment by Samar kabeer on August 15, 2018 at 2:46pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है बधाई स्वीकार करें ।

कुछ अशआर में रदीफ़ और क़ाफ़िये का तालमेल नहीं,यानी रदीफ़ से इंसाफ़ नहीं हो पाया है,देखियेगा ।

Comment by TEJ VEER SINGH on August 15, 2018 at 10:25am

हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन मणि जी।बेहतरीन समसामयिक गज़ल। मौजूदा हालात पर बढ़िया कटाक्ष।

है पापी पेट से रिश्ता पकौड़े बेच लेंगे हम।
मगर गद्दारियाँ तेरी हमेशा याद रक्खेंगे ।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service