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ओ बी ओ मंच को समर्पित ग़ज़ल (1222*4)

तुझे इस वर्ष नौवें की ओ बी ओ बधाई है,
हमारे दिल में चाहत बस तेरी ही रहती छाई है।

मिला इक मंच तुझ जैसा हमें अभिमान है इसका,
हमारी इस जहाँ में ओ बी ओ से ही बड़ाई है।

सभी इक दूसरे से सीखते हैं और सिखाते हैं,
हमारी एकता की ओ बी ओ ही बस इकाई है।

सभी झूमें, सभी गायें यहाँ ओ बी ओ में मिल के,
सभी हम भक्त तेरे हैं तू ही प्यारा कन्हाई है।

लगा जो मर्ज लिखने का, दिखाते ओ बी ओ को ही,
उसी के पास इसकी क्यों कि इकलौती दवाई है।

तुझे शत शत 'नमन' मेरा बधाई फिर से ओ बी ओ,
यहीं मेरी पढ़ाई है यहीं मेरी लिखाई है।

मौलिक व अप्रकाशित

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 3, 2019 at 5:19pm

आदरणीय बासुदेव अग्रवाल जी, आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई.

ओबीओ का नौवें वर्ष में प्रवेश करना आप जैसे साधकों का ही शुभ प्रतिफल है. इसकी हार्दिक बधाई 

शुभातिशुभ

Comment by Neelam Upadhyaya on April 3, 2019 at 12:31pm

आदरणीय बासुदेव अग्रवाल जी, ओ बी ओ की 9वी वर्षगांठ पर पेश सुंदर गज़ल के लिए आपको मुबारकबाद।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 3, 2019 at 12:18pm

आद० बासुदेव जी ओ बी ओ की 9वी वर्षगांठ पर इस सुंदर गज़ल के लिए आपको मुबारकबाद 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on April 2, 2019 at 5:06pm

मुहतरम जनाब बासुदेव साहिब, ओ बी ओ की 9वीं वर्ष गांठ पर सुंदर ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l 

Comment by Samar kabeer on April 2, 2019 at 11:05am

जनाब बासुदेव अग्रवाल 'नमन' जी आदाब,ओबीओ की सालगिरह पर ओबीओ को समर्पित ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'तुझे इस वर्ष नौवें की ओ बी ओ बधाई है'

ये मिसरा बह्र में नहीं है,यूँ कर लें:-

'तुझे इस वर्ष नौवें की ऐ ओ बी ओ बधाई है'

'सभी झूमें, सभी गायें यहाँ ओ बी ओ में मिल के,
सभी हम भक्त तेरे हैं तू ही प्यारा कन्हाई है'

इस शैर में आपने ओबीओ को पुल्लिंग लिया है,जबकि ओबीओ स्त्रीलिंग है(पत्रिका)ग़ौर करें ।

Comment by Hariom Shrivastava on April 1, 2019 at 6:13pm

वाह,वाहहह,ओबीओ की नौवीं वर्षगाँठ पर लाजवाब ग़ज़ल। आपको व ओबीओ परिवार को बधाई।

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