For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार एक्यासीवाँ आयोजन है.   

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

19 जनवरी 2018 दिन शुक्रवार से 20 जनवरी 2018 दिन शनिवार तक

इस बार पुनः छंदों की पुनरावृति हो रही है - 

शक्ति छंद और भुजंगप्रयात छंद  

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.  छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है,  चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो छन्द बदल दें.   

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

भुजंगप्रयात छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

[प्रस्तुत चित्र अंतर्जाल से] 

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 19 जनवरी 2018 दिन शुक्रवार से 20 जनवरी 2018 दिन शनिवार तक यानी दो दिनों केलिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 6209

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

शक्ति छंद आधारित गीत

 

 

नहीं राह पर चल रही जिंदगी |

गगन के तले पल रही जिंदगी ||

 

मिला जो उसे ही मुकद्दर कहा |

सदा बालपन दंश सहता रहा ||

निगाहें कहें छल रही जिंदगी |

गगन के तले पल रही जिंदगी ||

 

ढँके हाथ तो पैर दिखने लगे |

प्रेम दिखने लगा बैर दिखने लगे ||

ठिठुरती हुई खल रही जिंदगी |

गगन के तले पल रही जिन्दगी ||

 

वहाँ रातभर सर्दियों से खटी |

जहाँ रात फुटपाथ पर ही कटी ||

निठुर शीत से जल रही जिंदगी |

गगन के तले पल रही जिंदगी ||

 

अचम्भा कहीं डर कहीं आस है |

सभी को मगर एक विश्वास है ||

नए रूप में ढल रही जिंदगी |

गगन के तले पल रही जिंदगी ||

 

मौलिक/अप्रकाशित.

आदरणीय रक्ताले सर बहुत ही प्यारा सृजन हमेशा की तरह चित्र को पूर्णतः परिभाषित करता ,हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर ।

आदरणीया सुनंदा झा जी सादर, आपको रचना चित्र को परिभाषित करती लगी मेरी रचना सफल हुई. आपका बहुत-बहुत आभार. सादर.

वाह! वाह!! मज़ा आ गया ! मज़ा आ गया ! बहुत दिनों बात आपकी छंदबद्ध रचना पढ़ने को मिली । आपकी लेखनी का मुझे बड़ी बेसब्री से इंतज़ार रहता है । गीत पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय अशोक रक्ताले साहब ।

आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब सादर नमस्कार, आपको रचना अच्छी लगी. शक्ति छंद पर मेरा यह प्रयास सफल हुआ. आपका हृदयातल से आभार. सादर.

आद0 अशोक कुमार रक्ताले जी सादर अभिवादन। शक्ति छंन्द आधारित उ।दा गीत।वाह वाह वाह। लय गज़ब का। मैं तो पहली बार प्रयास किया पर आपकी रचना पढ़कर बहुत कुछ सीखने को मिला।बहुत बहुत बधाई आपको।सादर

आदरनीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी सादर, मैं तो अभी आपकी रचना पढ़कर आ रहा हूँ. आपने बहुत ही उत्तम प्रवाहमय छंद रचे हैं. आपको यह छंद गीत अच्छा लगा मेरा रचना कार्य सफल हुआ. हार्दिक आभार आपका. सादर.

आदरणीय रक्ताले जी चित्रानुरूप आकर्षक रचना को पढ़कर मन मगन हो गया इस मार्मिक रचना के लिए दिली मुबारकबाद कुबूल कीजिये

आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी सादर, आपको प्रस्तुत छंद गीत चित्रानुरूप लगा. मेरा  सृजन कार्य सफल हुआ. यह चित्र है ही इतना मार्मिक की रचना को मार्मिक होना ही था. हार्दिक आभार आपका. सादर.

जनाब अशोक कुमार साहिब ,प्रदत्त चित्र के अनुरूप सुन्दर शक्ति छन्द गीत हुआ है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।

गीत की पंक्ति 8 में लय बाधित हो रही है ,देखियेगा 

आदरणीय भाई तसदीक़ एहमद खान साहब सादर, प्रस्तुत छंद गीत आपको प्रदत्त चित्र अनुरूप लगा. मेरा सृजन कार्य सार्थक हुआ. आपने सही कहा है. एक पंक्ति में शिल्प गया है. मैं इसे //खुला प्रेम घट बैर दिखने लगे// इस तरह करना चाह रहा हूँ. संकलन में इस बदलाव के लिए मैं प्रार्थना करूंगा. सादर आभार.

आदरणीय अशोक भाईजी

चित्र को सार्थक करती इस भावपूर्ण शक्ति छंद पर हार्दिक बधाई।

प्रेम दिखने लगा बैर दिखने लगे || .........जहाँ स्वार्थ है बैर दिखने लगे।

वहाँ रातभर सर्दियों से खटी |  ......   शब्द खटी ने भ्रमित कर दिया

जहाँ रात फुटपाथ पर ही कटी ||

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Aazi ji, अच्छी ग़ज़ल रही, बधाई।  सुझाव भी ख़ूब। ग़ज़ल में निखार आएगा। "
3 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकारें बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
15 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Mahendra Kumar ji, अच्छी ग़ज़ल रही। बधाई आपको।"
17 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Euphonic Amit जी, ख़ूब ग़ज़ल हुई, बधाई आपको।  "आप के तसव्वुर में एक बार खो जाए फिर क़लम…"
22 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
27 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें भाई चारा का सही वज्न 2122 या 2222 है ? "
29 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें सातवाँ थोड़ा मरम्मत चाहता है"
33 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत ख़ूब। समझदार को इशारा काफ़ी। आप अच्छा लिखते हैं और जल्दी सीखते हैं। शुभकामनाएँ"
35 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
42 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बारीकी से इस्लाह व ज़र्रा-नवाज़ी का बहुत बहुत शुक्रिया आ इक नज़र ही काफी है आतिश-ए-महब्बत…"
44 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service