For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता--कश्मीर अभी ज़िंदा है भाग-1


कश्मीर अभी ज़िंदा है
झेलम के ख़ून में
केसर के रक्त में नहाया
बेवाओं की चीख पुकार में
दहााड़ेंं मारती माँओं में
पत्थरबाज़ी में
कश्मीर अभी ज़िंदा है भटके नौजवानों में
कश्मीर अभी ज़िंदा है शहीदों के जनाज़ोंं में 

डरे सहमे शिकारों में
ख़ूूून से सनी पतवारों में
दया के लिए भीख माँगते हाथों में
धमकी भरे पत्रों में
हैण्ड ग्रेनेड में
मोर्टार और एके फोर्टी सेवन में
असंख्य हथियारों के ज़खीरों में
बरामद पाकिस्तानी हथियारों में
कश्मीर अभी ज़िंदा है शहीदों के ताबूतोंं में ।

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 805

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on June 19, 2018 at 9:22pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम तस्दीक़ एहमद साहब  ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 19, 2018 at 6:50pm

मुहतरम जनाब आरिफ साहिब आ दाब, असरदार और प्रभावशाली रचना हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं |

Comment by Mohammed Arif on June 19, 2018 at 5:55pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।

Comment by vijay nikore on June 19, 2018 at 5:04pm

बहुत ही प्रभावशाली रचना प्रस्तुत की है आपने, भाई मोहम्मद आरिफ़ ज॥ हार्दिक बधाई।

Comment by Mohammed Arif on June 19, 2018 at 9:03am

आपका हुक़्म सर आँखों पर । बहुत-बहुत आभार आदरणीय आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।

Comment by Mohammed Arif on June 19, 2018 at 8:44am

हार्दिक आभार आदरणीया रक्षिता सिंह जी ।

Comment by Mohammed Arif on June 19, 2018 at 8:43am

हार्दिक आभार आदरणीय गुमनाम जी ।

Comment by Mohammed Arif on June 19, 2018 at 8:42am

हार्दिक आभार आदरणीया कल्पना भट्ट जी ।

Comment by Mohammed Arif on June 19, 2018 at 8:42am

हार्दिक आभार आदरणीया नीलम उपाध्याय जी ।

Comment by रक्षिता सिंह on June 19, 2018 at 7:50am

आदरणीय आरिफ जी नमस्कार,
बाकई बहुत ही गम्भीर और प्रभावशाली रचना, जैसा कि सभी गुणीजनों ने कहा...हार्दिक बधाई स्वीकार करें।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"ग़ज़ल — 212 1222 212 1222....वक्त के फिसलने में देर कितनी लगती हैबर्फ के पिघलने में देर कितनी…"
22 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"शुक्रिया आदरणीय, माजरत चाहूँगा मैं इस चर्चा नहीं बल्कि आपकी पिछली सारी चर्चाओं  के हवाले से कह…"
57 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब, हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिय:। तरही मुशाइरा…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"  आ. भाई  , Mahendra Kumar ji, यूँ तो  आपकी सराहनीय प्रस्तुति पर आ.अमित जी …"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"1. //आपके मिसरे में "तुम" शब्द की ग़ैर ज़रूरी पुनरावृत्ति है जबकि सुझाये मिसरे में…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब महेन्द्र कुमार जी,  //'मोम-से अगर होते' और 'मोम गर जो होते तुम' दोनों…"
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु शकूर साहिब, माज़रत ख़्वाह हूँ, आप सहीह हैं।"
7 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
15 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
15 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
15 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
15 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
15 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service