For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

३ क्षणिकाएं....

भावनाओं की घास पर
ओस की बूंदें
रोती रही
शायद
बादलों को ओढ़कर
रात भर
चांदनी
... ... ... ... ... ... .

गोद दिया
सुबह की ओस ने
गुलाब को
महक
तड़पती रही
अहसासों के बियाबाँ में
यादों की नोकों पर
... ... ... .. .. .. .. . .
आकाश
ज़िंदगी भर
इंसान को
छत का सुकून देता रहा
उसे
धूप दी, पानी दिया ,
ईश के होने का
अहसास दिया
मगर
वह रे इंसान
आया जो वक्त देने का
भर दिया उसका दामन
चिता में जल के
धुएँ के गुबार से

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 665

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on October 14, 2018 at 11:58am

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।

Comment by नाथ सोनांचली on October 13, 2018 at 8:42am

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। बढ़िया क्षणिकाएँ रची आपने। बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by Sushil Sarna on October 11, 2018 at 2:56pm

आदरणीय  बृजेश कुमार 'ब्रज जी सृजन आपकी आत्मीय प्रशंसा की दिल से आभारी है। 

Comment by Sushil Sarna on October 11, 2018 at 2:55pm

आदरणीय  narendrasinh chauhan जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on October 11, 2018 at 2:54pm

आदरणीय  Sheikh Shahzad Usmani जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार /

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 11, 2018 at 11:35am

वाह सुन्दर बहुत सुन्दर रचनाये...

Comment by narendrasinh chauhan on October 10, 2018 at 4:20pm

खुब सुन्दर रचनाए

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 9, 2018 at 8:56pm

अलंकृत बिम्बों में बेहतरीन सारगर्भित विचारोत्तेजक सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना साहिब।

Comment by Sushil Sarna on October 9, 2018 at 7:59pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब। ... सृजन आपकी आत्मीय प्रशंसा एवं सुझाव का दिल से आभार।

Comment by Samar kabeer on October 9, 2018 at 2:42pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत उम्दा क्षणिकाएं हुई हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'रोती रही'--"रोती रहीं"

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें सातवाँ थोड़ा मरम्मत चाहता है"
1 minute ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत ख़ूब। समझदार को इशारा काफ़ी। आप अच्छा लिखते हैं और जल्दी सीखते हैं। शुभकामनाएँ"
2 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
10 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
10 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
11 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बारीकी से इस्लाह व ज़र्रा-नवाज़ी का बहुत बहुत शुक्रिया आ इक नज़र ही काफी है आतिश-ए-महब्बत…"
12 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
27 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
29 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय आज़ी जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
30 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
31 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय चेतन जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
32 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
33 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service