For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गाड़ी रूकते ही मैं ढाबे की तरफ़़ बढ़ा। कुर्सी पर बैठते हुए छोटू को पास बुलाया।
उस से बात करने लगा, जैसे अक्सर ही मैं ऐसा   करता हूँ, ऐसा करना मेरा काम है, किसी को अच्छा या नहीं लगता।  ये जानना मेरा काम नहीं ।"
“आप इन से क्या बात करते हो?" दूसरी तरफ बैठे मालिक ने उठ कर बालो से उस  पकड़ा अंदर की ओर ले कर जाते हुए कहा

 आप को यहाँ काम के लिए रखा है, बातों के लिए नहीं।
"भाई साहिब,कुछ लेना है,आप ने।" उसने मेरी तरफ 
देखते हुए कहा

“नहीं,बात करनी है,इस और आप से।"
“बातों के लिए हम फरी नहीं।“ मालिक ने कहा
“पर ये तो आप को बताना होगा कि इस लड़के की उम्र क्या है?”
“इस के माँ बाप को पता होगा,मेरा क्या लगता है,जो मैं इस की उम्र बारे जानकारी रखूँ?“
“इसकी उम्र कुछ भी हो,हमारे तो इस काम ही करना है, वोट तो हम डालने को कहना नहीं है।“
"उम्र के बारे तो जानना ज़रूरी है, खास तौर पर जब ये आप के पास काम कर रहा।" मैंने कहा
"अब तक तो किसी ने पूछा नहीं, आप कौन...?"
"तब बताते हैं पहले इसके बालों को छोड़ दो, जब वह उस को अंदर ले जाने की कोशिश कर रहा था।
"इस को बातें करने के लिए नहीं, काम करने के लिए रखा है"
"भाई साहिब, आप इसको ऐसे क्यों पकड़ा था ?"
"मेरा आदमी है, मैं जो चाहूँ इस से करवा सकता हूँ, जैसे चाहूँ रख सकता हूँ,आप कौन ,पैसे देते है?"
"मगर मारने व गाली निकालने के भी तो पैसे नहीं देते,सुबह पाँच से रात देर तक  काम के लिए देते हो" मैंने कहा
"क्या गलत कर रहा हूँ, पैसे देता हूँ, इनका  घर चलता है, पता ये काम नहीं कर सकता ।"
“क्या हुआ है,इसको?”
“जो देखना नहीं चाहते  आप।“
“मैंने अपना पहचान पत्र दिखाते हुए कहा।"
" हमें तो पता नहीं ..." उसने कहा
मैंने मोबाइल निकाला और गाड़ी की तरफ इशारा किया।
वह बार-बार कह रहा था, साहिब जी, आगे से ध्यान रखेंगे। मैं उस छोटू में पाठशाला गए अपने रमन को तलाशने लगा।

"मौलिक व अप्रकाशित"

  

Views: 613

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neelam Upadhyaya on June 12, 2019 at 3:23pm

आदरणीय मोहन बेगोवाल जी, बालश्रम जैसी सामाजिक सरोकार सम्बन्धी विषय पर सूंदर रचना की प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार करें ।

Comment by pratibha pande on June 4, 2019 at 1:06pm

“क्या हुआ है,इसको?”
“जो देखना नहीं चाहते  आप।“// अगर हर जागरूक नागरिक ये  देख पाता और एक कदम उठा लेता तो बालश्रम का रोग बहुत पहले देश से खत्म हो गया होता। आपके अपने अंदाज में कही गई प्रभावशाली रचना के लिये बधाई

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 4, 2019 at 1:00pm

आदाब। कथानक व कथ्य बेहतरीन है। पात्रों को एकदम स्पष्ट न कर, सरप्राइज एलीमेंट बरकरार रखने वाली शैली में बढ़िया कथोपकथन कराते हुए बढ़िया अंत के साथ ढेर सारा अनकहे में छोड़ा गया है पाठक को बालश्रम के मुख्य मुद्दे को उभारते हुए। हार्दिक बधाई जनाब मोहन बेगोवाल साहिब। शीर्षक चरितार्थ हो रहा है। हाँ, इस तरह का सरप्राइज एलीमेंट कभीकभी पाठक को उलझा भी देता. है। सो.तदनुसार तनिक परिमार्जन व कसावट कर दी जाये तनिक सहज इशारे के साथ, तो बेहतर होगा। सादर।

Comment by Sushil Sarna on June 3, 2019 at 8:03pm

आदरणीय जी लघु कथा की विषय वस्तु सुंदर होते हुए भी भाषायी त्रुटियों के कारण अपने सौंदर्य को खो रही है। आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी की टिप्पणी से संज्ञान लें। सादर ...

Comment by मोहन बेगोवाल on June 3, 2019 at 4:18pm
आदरनीय हरी ओम जी,आप जी की तरफ से मेरी तथा कथित लघुकथा के बारे अपने विचार दिये,बहुत अच्छा लगा।आगे सेपोस्ट करने से पहले ध्यान रखेंगे।इक बार फिर शुक्रिया । भाषा के बारे क्या कहूँ ।बस दोस्त बरीकी से समझने,अगर कुछ गाईड कर दे तो मेहरबानी होगी।
Comment by Hariom Shrivastava on June 3, 2019 at 3:57pm

आदरणीय मोहन बेगोवाल जी,मझे ज्ञात नहीं कि आप कब से लघु कथाएँ लिख रहें हैं और कैसी लिखते हैं? लेकिन यह कथा बहुत कमजोर जान पड़ी। भाषा में सुधार की महती आवश्यकता है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
3 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
4 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service