For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता: कुछ ख़ास है उन बातों की बात

वो लड़कपन के सपनों की बात,
काग़ज की नाव और कागज़ी जहाजों की बात।
वो जवानी की ज़िद्दी उमंगों की बात,
हर ख़्वाब को हकीकत बनाने की बात।
कुछ ख़ास है उन बातों की बात।
वो हसीं ख्वाबों, ख्यालों की रात,
वो चुराई हसीं मुलाकातों की बात।
वो कही अनकही बातों की बात,
वो बिखरते सिमटते जज्बातों की बात।
कुछ ख़ास है उन बातों की बात।
वो चाही, अनचाही विदाई की बात,
और जुदाई में छलके आंसुओ की बात।
वो अपनों के बेगानें होने की बात,
और बेगानों को दिल से अपनानें की बात।
कुछ ख़ास है उन बातों की बात।
वो दिल से दिल को राह की बात,
और चूके पता तो कसक और आह की बात।
वो पहली मुलाकात में जन्मों के रिश्तों की बात,
और कभी जन्मों की बेवजह मुलाकातों की बात।
कुछ ख़ास है उन बातों की बात।
“मौलिक व अप्रकाशित” 

Views: 606

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 23, 2019 at 1:04pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी कविता की सराहना के लिए हार्दिक आभार। 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 20, 2019 at 4:41am

आ. गीता जी, अच्छी प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 17, 2019 at 7:11am

आदरणीय समर कबीर जी रचना पर आपके आत्मीय और पारखी अवलोकन एवं मार्गदर्शन का इंतजार रहता है जो बहुत कुछ सिखाता हैI

सर मार्गदर्शन एवं बधाई के लिए सादर आभार..

Comment by Samar kabeer on November 14, 2019 at 5:02pm

मुहतरमा डॉ. गीता चौधरी जी आदाब, कविता का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करे ।

'वो बिखरते सिमटते जज्बातों की बात'

आपकी जानकारी के लिए बता रहा हूँ कि 'जज़्बा' का बहुवचन "जज़्बात" होता है,जज़्बातों नहीं ।

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 13, 2019 at 6:56pm

आदरणीय डॉo उषा जी कविता की सराहना के लिए हार्दिक आभार। कुछ खास है प्रशंसा में कहे गए आत्मीय शब्दों की बात।

Comment by Usha on November 13, 2019 at 6:47pm

आदरणीय डॉ गीता चौधरी जी, सही कहा आपने। हर बात की है कोई ख़ास बात। इन्ही बातों में है ज़िन्दगी के होने का अहसास। सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई स्वीकार करें। सादर।

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 12, 2019 at 4:22pm

आदरणीय डाo विजय शंकर जी सादर प्रणाम, आपकी सराहना एवं उत्साह वर्धन  हमेशा कुछ अच्छा लिखने की प्रेरणा देता रहेगाI हार्दिक आभार I

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 12, 2019 at 9:58am

आदरणीय डॉO गीता चौधरी जी , कुछ बातों का सिलसिला ऐसा ही होता है , अच्छी प्रस्तुति , बधाई , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"    शिकस्त-ए-नारवा     ------------------ रिवाज के विरुद्ध काम, शायरी का एक ऐब…"
24 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  ग़ज़ल — 212 1222…"
28 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service