For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 67467

Reply to This

Replies to This Discussion

बहुत शुक्रिय: भाई ।


पुलकित पल, शुभदा, सुखद, मंगलमय नव वर्ष..
शुभ-शुभ संप्रेषण सुलभ, प्रतिपल सहज सहर्ष

शुभातिशुभ
हार्दिक शुभकामनाएँ

सादर नमस्कार आदरणीय मंच। आँग्ल कैलेंडर के नववर्ष की हार्दिक मुबारकबाद और शुभकामनाएं इप सभी गुरुजन का मार्गदर्शन और आशीर्वाद मंच को.सदैव सदाबहार मिलता रहे। आमीन।

सादर नमस्कार ।नये साल के आगमन की हार्दिक मुबारकबाद और शुभकामनाएं । 

कल का दिन मेरे और मेरे परिवारजनों के लिए एक सुखद संयोग लेकर आया. 

 

मैं अपने ऑफिस में था. कुछ कर्मचारियों को लेकर मैंने एक मीटिंग आहूत की थी और वही चल रही थी. लगभग चार बजे मेरा मोबाइल झनझनाया. मोबाइल पर ओबीओ के प्रबन्धन की सदस्य, विदूषी आदरणीया प्राचीजी का नाम झलका. कॉल रिसीव करते ही आवाज आयी, ’भाईसाहब, नमस्ते.. मैं भोपाल में हूँ.’ सुनते ही मैं चौंका, ’अरे.. आप कब आयीं? कैसे ? अभी कहाँ हैं आप? ..

कि, कॉल डिस्कनेक्ट हो गया. अर्थात, उस समय वे जिस स्थान पर थीं, वहाँ कनेक्टिविटी को लेकर समस्या थी. परन्तु, असफल ही सही, एक-दो कॉल और कुछेक मैसेज के चलते जो कुछ स्पष्ट हुआ, वह यह, कि आ० प्राचीजी भोपाल शहर स्थित सुप्रसिद्ध ही नहीं, ऐतिहासिक इंजिनियरिंग कॉलेज, मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्युट ऑफ टेक्नोलोजी (MANIT), में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर के विज्ञान-जगत के विद्वानों के समागम (इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल) में ससम्मान निमंत्रित थीं. वे कल ही प्रातः भोपाल आयी थीं. साथ ही, यह भी, कि उनकी वापसी कल ही देर सायं 9.30 बजे की फ्लाइट से नियत थी. 

ऑफिस से मैं सीधा घर गया और अपने बेटे को लेकर कॉलेज परिसर पहुँच गया. उन्हें लेकर हमदोनों अपने घर करीब साढ़े छः बजे पहुँचे. मेरे किसी निवास-स्थान पर आ० प्राचीजी का यह प्रथम आगमन था.

 

आजकल मेरी बेटी, संसृति, भी अपने थर्ड इयर के फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा दे कर मेरे पास भोपाल में आयी हुई है. मेरी अनुजा का बेटा, श्वेतांक, भी आजकल मेरे पास ही, अर्थात अपने मामा के पास, आया हुआ है. आ० प्राचीजी मेरी बड़ी बेटी, सृष्टिसुधी, से हलद्वानी में आयोजित ओबीओ के कार्यक्रम के दौरान 2013 में मिल चुकी थीं. बताता चलूँ, कि हलद्वानी तथा, आगे, उत्तराखण्ड की हमारी वह यात्रा हमारे लिए चिरस्मरणीय है. फिर भी, उसकी चर्चा यहाँ आवश्यक नहीं. परन्तु, मेरे बेटे और मेरी छोटी बेटी ही नहीं, मेरी पत्नी, सुषमा, से भी आ० प्राचीजी पहली बार मिल रही थीं. बातचीत और नाश्ता-पानी करते हुए कब दो घण्टे व्यतीत हो गये, पता ही नहीं चला. पता चलना भी नहीं था.

सुषमा ने विदाई के समय भाभी के कर्तव्यों का यथासंभव निर्वहन करते हुए प्राचीजी का सस्नेह ’खोइंचा भरा’ और सभाव विदा किया. 

 

तत्क्षणॊं की कुछ पारदर्शियाँ आप सभी के लिए ... 

आ. भाई जी, इस शुभ मिलन की असीम हार्दिक बधाई। मन प्रफुल्लित हो गया। 

भाई बहन की ये मुलाक़ात मुबारक हो,मुझे भी ऐसा ही कुछ अनुभव हुआ था जब बहना राजेश कुमारी जी मेरे ग़रीब ख़ाने पर तशरीफ़ लाई थीं ।

सादर अभिवादन। सभी सदस्यों को मदनोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। 

आ. भाई गिरिराज भण्डारी जी को जन्मदिन की असीम हार्दिक शुभकामनाएँ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"कृपया वह तात्पर्य और गहरी बात हम पाठकों के साथ विस्तृत टिप्पणी में भी साझा कीजिएगा।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आदाब। शायद मैं पहली बार आपकी प्रविष्टि पढ़ रहा हूँ। बढ़िया प्रेरक रचना। हार्दिक बधाई आदरणीयडॉ. अरुण…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"कथानक की बनावट और कसावट मुग्ध कर रही है।  निस्संदेह, आदरणीय मनन जी ने इस अवसर का रचनात्मक…"
5 hours ago
DR ARUN KUMAR SHASTRI replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"दीखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर - वाली लोकोक्ति शायद ऐसे ही संदभों हेतु कही गई होगी - कुछ रचनाएँ…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। सुस्वागतम आपका और विषयांतर्गत आपकी अनुपम लघु आकार लघुकथा का। बढ़िया आग़ाज़।.हार्दिक बधाई…"
7 hours ago
DR ARUN KUMAR SHASTRI replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"* रानी बड़ी सयानी * मुँगस पुर , बिहार के मध्य वर्गीय परिवार की इकलौती मेधावी संतान कक्षा 12 वीं…"
7 hours ago
Chetan Prakash posted a blog post

है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैं

1212 1122 1212 22है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैंमुनाफ़िकों की है बस्ती कि वो टहलते हैंके चार सू…See More
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
8 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"निहितार्थ  युवती ट्रेन से उतरी।गिने - चुने यात्री अपने - अपने रास्ते निकल गए।अंधेरी रात…"
9 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"स्वागतम"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मोल रोटी का उसी को - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए आभार। त्रुटिपूर्ण…"
16 hours ago
Dr. Ashok Goyal posted a blog post

ग़ज़ल :-

नए साँचे में ढाला जा रहा है । तुझे मुहरा बनाया जा रहा है ।अभी सदक़ा उतारा जा रहा है । हमें बकरा…See More
20 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service