सृष्टि का चलन
चाँद चमकता सूर्य की ही रोशनी से हर दिन, एक दिन क्यों आ जाता सूर्य और पृथ्वी के बीच, लगाता सूर्य को ग्रहण बहुत पास जाकर रोकता उसका प्रकाश, बना देता है उसे अपने ही जैसा, यह प्यार है चाँद का या जलन, नहीं नहीं.... चन्द्र किरणों की तो शीतल है छुअन यह तो है बस रचयिता की लीला और सृष्टि का चलन !
मौलिक व अप्रकाशित
डॉ वन्दना मिश्रा
31/8/2020