खंडित मूर्ति - लघुकथा –
"सुमित्रा, यह लाल पोशाक वाली लड़की तो वही है ना जिसकी खबर कुछ महीने पहले अखबार में छपी थी।"
"हाँ माँ यह वही है।"
"इसके साथ स्कूल के चपरासी ने जबरदस्ती की थी ना।"
"हाँ माँ,वही है। आप क्या कहना चाहती हो?"
"मैं यह कहना चाहती हूँ कि इसे पूजा में किसने बुलाया?"
"माँ यह मेरी बेटी के साथ पढ़ती है। उसकी दोस्त है। उसने इसे मुझसे पूछ कर ही बुलाया है।"
"यानी यह तुम्हारी मर्जी से यहाँ आ…