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ज़िंदगी रास्ता देखती हो मेरा सामना मौत से भी तभी हो मेरा (1)
मैं चलूँ अपने बच्चों की उंँगली पकड़ फिर भले ये सफ़र आख़िरी हो मेरा (2)
वाक़िआ होगा पहला यक़ीं मानिए सामना मौत से जब कभी हो मेरा (3)
अब ये मुमकिन नहीं आज के दौर में शह्र में भी रहूँ गांँव भी हो मेरा (4)
ख़ाक ऐसे करें नफ़रतों का जहाँ आग तेरी रहे और घी हो मेरा (5)
ज़िंदगी को भी आना पड़े सामने मौत जब भी पता पूछती हो मेर…